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Honor killing case : प्रतापगढ़ में 10 साल बाद पिता सहित चार लोगों को उम्र कैद

Honor killing case पुलिस ने शमीम के पिता नवाब अली फुफेरे भाई सुग्गन पुत्र हबीब निवासी घरौरा लालगंज ममेरे भाइयों सगीर अहमद व नफीस पुत्रगण रज्जन निवासी सगरा सुंदरपुर लालगंज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 09:01 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 09:01 PM (IST)
Honor killing case : प्रतापगढ़ में 10 साल बाद पिता सहित चार लोगों को उम्र कैद
कोर्ट ने पिता नवाब, ममेरे भाई सगीर व नफीस, फुफेरे भाई सुग्गन को उम्र कैद की सजा सुनाई।

प्रतापगढ़,जेएनएन। करीब 11 साल पहले हुई ऑनर किलिंग के मामले में पिता, फुफेरे व ममेरे भाईयों को  उम्र कैद की सजा अपर जिला सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम) मधु डोगरा ने सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक को 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।

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युवती की हत्या कर सिर व धड़ फेंक दिया था 30 किमी दूर

नगर कोतवाली क्षेत्र के गोड़े गांव निवासी शमीम परवीन (20) पुत्री नवाब उर्फ नब्बू दूसरे समुदाय के युवक से प्यार करती थी और उसी से शादी करना चाहती थी। इस बात का घर वाले विरोध करते थे, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी थी। इस पर परिवार वालों ने उसे ठिकाने लगाने की बात सोच ली और सितंबर 2011 में रिश्तेदारों के साथ पिता नवाब ने शमीम की हत्या कर दी। उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था। सिर गोड़े गांव में फेंक दिया और धड़ प्राथमिक विद्यालय सुंदरपुर द्वितीय थाना लालगंज के पास फेंक दिया था।

पुलिस ने घरवालों पर दर्ज किया था हत्‍या का मुकदमा

सगरा सुंदरपुर के शिवगंगा शुक्ला पुत्र जगन्नाथ ने 13 सितंबर 2011 को सुंदरपुर स्कूल के पास युवती का सिर कटा शव देखा तो सूचना पुलिस को दी थी। उसके हाथ पैर भी अलग पड़े थे। पुलिस की जांच पड़ताल के दौरान युवती का सिर गोड़े गांव में पाया गया था। जिसकी पहचान शमीम के रूप में हुई थी। पुलिस के अनुसार  कड़ाई से पूछताछ करने पर नवाब अली ने घटना को कुबूल कर लिया था।

इसके बाद पुलिस ने शमीम के पिता नवाब अली, फुफेरे भाई सुग्गन पुत्र हबीब निवासी घरौरा लालगंज, ममेरे भाइयों सगीर अहमद व नफीस पुत्रगण रज्जन निवासी सगरा सुंदरपुर लालगंज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। जबकि शव को गायब करने में फूफा हबीब पुत्र नसीरूद्दीन निवासी घरौरा लालगंज का आरोपित बनाया गया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पिता नवाब, ममेरे भाई सगीर व नफीस, फुफेरे भाई सुग्गन को उम्र कैद की सजा सुनाई। जबकि शव गायब करने में सहयोग करने पर फूफा हबीब को तीन वर्ष के कारावास व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। राज्य की ओर से पैरवी एडीजीसी अरविंद कुमार सिंह ने की।


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