कहानी संग्रह : बेटियों का घर नारी के वैविध्यपूर्ण संदेशों का जोड़ Prayagraj News
वरिष्ठ साहित्यकार प्रेमा राय ने कहा कि बेटियो का घर कहानियों का वह संग्रह है जिसमे नारी के वैविध्यपूर्ण को उन सन्देशों के साथ जोड़ा गया है जो आधुनिक समाज के लिए अपेक्षित है।
प्रयागराज,जेएनएन। महिला काव्य मंच प्रयागराज ईकाई के तत्वावधान में पुस्तक परिचर्चा का आयोजन किया गया। मंच की अध्यक्ष रचना सक्सेना और महासचिव ऋतन्धरा मिश्रा ने इसका संयोजन किया। परिचर्चा में उपन्यासकार एवं कहानीकार मीरा सिन्हा के कहानी संग्रह बेटियों का घर पर विस्तृत चर्चा हुई।
वरिष्ठ साहित्यकार प्रेमा राय ने कहा कि बेटियो का घर कहानियों का वह संग्रह है जिसमे नारी के वैविध्यपूर्ण को उन सन्देशों के साथ जोड़ा गया है जो आधुनिक समाज के लिए अपेक्षित है। वह कहती हैं कि वस्तुत: मीरा सिन्हा की समस्त कहानियों का निचोड़ उनकी कहानी, स्वर्ण प्रतिमा में है।
नारी मन को उजागर करती हैं मीरा की कहानियां
वरिष्ठ साहित्यकार देवयानी के अनुसार मीरा सिन्हा की कहानिया नारी मन को उजागर करती हैं,न केवल उन्होंने नारी मन को बड़े सूक्ष्म भाव से टटोला उन्होंने पुरुष मन का भी ख्यात रखा। पूर्व सहायक सचिव माध्यमिक शिक्षा प्रयागराज एवंं वरिष्ठ साहित्यकार जयमोहन के अनुसार यह कहानी संग्रह पौराणिक से आधुनिक तक जोड़ कर मनोरंजन के साथ ज्ञान तक से अवगत कराती है। बेटियो का घर कहानी आज बच्चों की स्वार्थ परकता उजागर करती है। गजलकार सुमन दुग्गल के अनुसार मीरा सिन्हा ने अपनी कहानियों के भीतर त्वरित वेग से घटती अन्तर्घटनाओं को परस्पर अच्छे तरीके से बुना है।
कहानियां प्रेरणा पद एवं स्वपनों की गांठ खोलती हैं
प्रयाग महिला विद्यापीठ की एसोसियेट डॉ. ऊषा मिश्रा कहती हैं कहानियां प्रेरणा पद एवं स्वप्नो की गांठ खोलती हैं। घटनाओं को स्थूल रूप में कोई भी देख सकता है, उनको वही समझ सकता है जिसकी कल्पना सजीव हो। हेमवती नंदन बहुगुणा स्नातकोत्तर महाविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सविता श्रीवास्तव के अनुसार मीरा सिन्हा ने साहित्य के अनेक विधाओं मे लेखन कार्य किया है। मीरा सिन्हा के चार कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। खेलगांव की शिक्षिका रेनू मिश्रा के अनुसार बड़े ही सुगमता के साथ मनोवैज्ञानिक ढंग से डर का साया बेटियों का घर पाठको के समक्ष रखा है।