प्रयागराज में भी होमगार्ड विभाग के दामन पर लग चुका है दाग Prayagraj News
ड्यूटी भुगतान के गोलमाल में होमगार्ड के प्लाटून कमांडर पर प्रयागराज में भ्रष्टाचार का मुकदमा अब भी विचाराधीन है। भर्ती घोटाले में कमांडेट और इंस्पेक्टर को शासन ने निलंबित किया था।
प्रयागराज, [अंंकुर त्रिपाठी]। होमगार्ड के भुगतान में हुए गोलमाल के खुलासे के बाद शासन स्तर से सभी जिलों में आडिट का आदेश जारी हो चुका है। प्रयागराज में भी बड़े पैमाने पर धांधली हो चुकी है। एक प्लाटून कमांडर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हो चुका है, जबकि पिछले साल भर्ती घोटाले में होमगार्ड कमांडेट और इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया था।
जांच में खेल खुलने पर आरोपित प्लाटून कमांडर ब्रहमदेव निलंबित हुआ था
वर्ष 2012 में 130 होमगाड्र्स ने एसपी ट्रैफिक से मिलकर ड्यूटी लगाने में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। तत्कालीन होमगार्ड कमांडेंट ने जांच कर प्लाटून कमांडर ब्रहमदेव के खिलाफ रिपोर्ट सौंपी थी। आरोप है कि मस्टर रोल में ज्यादा होमगाड्र्स की ड्यूटी दिखाकर तैनाती कम की जा रही थी और भुगतान पूरा लिया जाता था। जांच में खेल खुलने पर सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपित प्लाटून कमांडर ब्रहमदेव को निलंबित किया गया था। यह केस अभी विशेष अदालत भ्रष्टाचार निवारण संगठन वाराणसी में विचाराधीन है।
होमगाड्र्स विभाग प्रयागराज में एक और घोटाला प्रदेश भर में सुर्खियों में रहा
पिछले साल यानी अप्रैल 2018 में होमगाड्र्स विभाग प्रयागराज में एक और घोटाला प्रदेश भर में सुर्खियों में रहा। दरअसल अप्रैल में डीजी होमगार्ड के निर्देेश पर प्रयागराज में 85 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। आरोप है कि शासन से अनुमति लिए बिना ही 70 पर्दो पर अवैध रूप से भर्ती कर चयनित होमगाड्र्स को प्रशिक्षण पर बुला लिया गया था। चयन में फिजिकल टेस्ट में भी गड़बड़ी की गई थी। शिकायत मिलने पर प्रमुख सचिव होमगार्ड कमलेश कुमार ने फैजाबाद के डिप्टी कमांडेंट जनरल शरत चंद्र त्रिपाठी और होमगार्ड मुख्यालय के वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी सुनील कुमार को भेजकर जांच कराई तो घोटाला उजागर हो गया। शासन ने भर्ती प्रक्रिया निरस्त करते हुए तत्कालीन होमगाड्र्स कमांडेंट प्रियव्रत सिंह के साथ ही एक इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया था।
डिप्टी कमांडेट भी हटाए गए थे
डिप्टी कमांडेट जनरल एसी उपाध्याय को भी हटाकर होमगार्ड मुख्यालय से संबद्ध किया गया था। इन दो घोटालों से दामन पर दाग लगने के बावजदू जिला होमगाड्र्स विभाग की कार्यशैली बदली नहीं है। अब भी अक्सर ड्यूटी लगाने में मनमानी की शिकायत होती रहती है, जिसे कार्यालय में ही दबा दिया जाता है। यहां भी पिछले साल भर में भुगतान के आडिट में गोलमाल उजागर हो सकता है। हालांकि जिला होमगार्ड कमांडेट अमित पांडेय पहले भी दावा कर चुके हैं कि अब डयूटी लगाने में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है मगर सूत्र बताते हैं कि सब कुछ ठीक नहीं है।
वीडियो क्लिप से खुली थी पोल
2012 में हुए भ्रष्टाचार के मुकदमे के पीछे आरोपित प्लाटून कमांडर के एक वीडियो क्लिप की अहम भूमिका रही, जिसमें वह खुद कबूलता दिखा कि पैसा कई अधिकारियों तक जाता है। इसी शिकायत पर जांच की गई थी।
एक लिपिक ने कर ली थी खुदकशी
ड्यूटी लगाने में खेल की पोल खुलने के कुछ ही समय बाद होमगाड्र्स विभाग के एक लिपिक ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। तब चर्चा रही कि लिपिक ने गोलमाल में खुद को भी फंसता देख ऐसा किया।