Hindustani Academy: कोरोना वायरस संक्रमण काल में जिंदगी तो ठहरी थी, इनकी नहीं रुकी कलम Prayagraj News
Hindustani Academy डॉ. अर्चना पांडेय की पुस्तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास क्षेत्रों में वैज्ञानिक लेखन कबीर साहेब (उर्दू से हिंदी अनुवाद) हिंदुवी साहित्य का इतिहास डॉ. उदय प्रताप सिंह की पुस्तक पर्यावरण और परिस्थितिकी संस्कृति और समाज विमर्श के आयाम अवधी पहेली कोश का प्रकाशन किया गया।
प्रयागराज, [अमलेंदु त्रिपाठी]। मार्च से कोरोना महामारी के खौफ के चलते जिंदगी भले ही सहमी रही हो पर रचनाधर्मियों की कलम नहीं ठहरी। इस स्याही को और गाढ़ा किया हिंदी और उर्दू के प्रचार प्रसार के लिए सक्रिय हिंदुस्तानी अकादमी ने। अकादमी की तरफ से कुल आठ पुस्तकों का प्रकाशन कोरोना काल में कराया गया। इतना ही नहीं दो त्रैमासिक विशेषांक भी निकाले गए। दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 13 और पुस्तकें आएंगी। दो विशेषांक भी प्रकाशन को भेजे गए हैं, यह जल्द ही शब्द साधकों के हाथ में होंगे।
अप्रैल से नवंबर के बीच पुस्तकों का संपादन और प्रकाशन चलता रहा
हिंदुस्तानी अकादमी की प्रकाशन अधिकारी ज्योतिर्मयी श्रीवास्तव बताती हैैं कि अप्रैल से नवंबर के बीच पुस्तकों का संपादन और प्रकाशन पूर्व गति से ही चला। डॉ. अर्चना पांडेय की पुस्तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास क्षेत्रों में वैज्ञानिक लेखन, कबीर साहेब (उर्दू से हिंदी अनुवाद), हिंदुवी साहित्य का इतिहास, डॉ. उदय प्रताप सिंह की पुस्तक पर्यावरण और परिस्थितिकी, संस्कृति और समाज, विमर्श के आयाम, श्याम नारायण पांडेय की पुस्तक भारतीय गौरव के उद्गाता, अवधी पहेली कोश का प्रकाशन किया गया। संस्थान की तरफ से 13 पुस्तकें प्रकाशन के लिए भेजी जा चुकी हैं। इनमें पाली पर लिखी गई डॉ. आनंद मंगल वाजपेयी की पुस्तक मिलिंद प्रश्न विमर्श, प्रयागराज के डॉ. अजय मालवीय की उर्दू में रामकथा, डॉ. आद्या प्रसाद सिंह की लोकगीत रामायण, डॉ. लक्ष्मी शंकर गुप्त की पुस्तक सतसैया एवं ब्रज भाषा उल्लेखनीय हैैं।
श्रीराम पर विशेषांक को मिली सराहना
अकादमी की तरफ से लोकनायक श्रीराम पर दो विशेषांक के प्रकाशन की योजना थी। पहला अंक आ चुका है। दूसरा मुद्रण में है। पहले विशेषांक की सराहना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कर चुके हैैं। अपने संदेश में लिखा है कि भारतीय संस्कृति के उन्नयन में रामराज्य शासन प्रणाली महत्वपूर्ण है। केंद्र व राज्य की वर्तमान सरकार रामराज्य की अवधारणा अंगीकार करते हुए 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास मंत्रÓ पर कार्य कर रही है। अकादमी का श्री राम विशेषांक सराहनीय प्रयास है।
पिछले वर्ष हुआ 21 पुस्तकों का प्रकाशन
पिछले वित्तीय वर्ष (2019-20) में अकादमी की तरफ से कुल 21 पुस्तकें प्रकाशित की गईं थी। डॉ. अर्जुन तिवारी की भोजपुरी लोकोक्ति सागर व अवधी कार्य योजना के तहत कमलनया पांडेय का अवधी लोकगीत : एक अंतर्यात्रा, मदन मोहन पांडेय मनोज की अवधी पहेली कोश इनमें मुख्य हैैं। पूर्व वित्तीय वर्ष (2018-19) में 20 पुस्तकों का प्रकाशन हुआ था।
बोले, हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष
हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना से संघर्ष और संस्थान का काम, दोनों चलता रहा। हमने रचनाधर्मिता शिथिल नहीं होने दी। इस बार गोष्ठियों भर का आयोजन नहीं हुआ लेकिन पुस्तकों के प्रकाशन की प्रक्रिया अबाध ढंग से चलती रही। हम लेखकों के साथ सामंजस्य बनाकर काम करते रहे।