Hindustani Academy ने वर्ष-2020 के पुरस्कारों की घोषणा, उदयपुर के डा. श्रीकृष्ण को मिलेगा शिखर सम्मान गुरु गोरक्षनाथ
Hindustani Academy संत कबीरदास सम्मान प्रयागराज के प्रो. रामकिशोर शर्मा को उनकी पुस्तक कबीर केंद्रित साहित्य पर अवदान के लिए दिया गया है। हिंदुस्तानी एकेडमी ने वरिष्ठ व युवा साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय व प्रादेशिक स्तर के अलग-अलग सम्मान तय किए हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। हिंदी व उर्दू साहित्य के संरक्षित करने वाला प्रदेश का प्रमुख संस्थान हिंदुस्तानी एकेडमी ने वर्ष-2020 के पुरस्कार की घोषणा कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर के शिखर सम्मान गुरु गोरक्षनाथ के लिए उदयपुर राजस्थान के डा. श्रीकृष्ण 'जुगनू' को चुना गया है। जुगनू को यह पुरस्कार की पुस्तक 'आदिकालीन साहित्य में अवदान' के लिए दिया गया है। जबकि गोस्वामी तुलसीदास सम्मान प्रतापगढ़ जिला के महेंद्र प्रताप सिंह को उनकी पुस्तक 'भक्तिकालीन साहित्य में अवदान' के लिए दिया गया है।
संत कबीरदास सम्मान प्रयागराज के प्रो. रामकिशोर शर्मा को उनकी पुस्तक 'कबीर केंद्रित साहित्य पर अवदान' के लिए दिया गया है। हिंदुस्तानी एकेडमी ने वरिष्ठ व युवा साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय व प्रादेशिक स्तर के अलग-अलग सम्मान तय किए हैं। उसके लिए नाम तय किए जाते हैं। एकेडमी के अध्यक्ष डा. उदय प्रताप सिंह ने बताया कि पुरस्कार देने की तारीख बाद में घोषित की जाएगी।
इन्हें मिला है सम्मान
1. शिखर सम्मान गुरु गोरक्षनाथ सम्मान : डा. श्रीकृष्ण 'जुगनू' उदयपुर, राजस्थान को उनकी पुस्तक 'आदिकालीन साहित्य में अवदान' के लिए मिलेगा। पुरस्कार की धनराशि पांच लाख रुपये।
2. गोस्वामी तुलसीदास सम्मान : महेंद्र प्रताप सिंह प्रतापगढ़ को उनकी पुस्तक 'भक्तिकालीन साहित्य में अवदान' के लिए मिलेगा। पुरस्कार की धनराशि पांच लाख रुपये।
3. संत कबीरदास सम्मान : प्रो. रामकिशोर शर्मा, प्रयागराज को उनकी पुस्तक 'कबीर केंद्रित साहित्य' के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार की धनराशि चार लाख रुपये।
4. भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान : डा. रामबोध पांडेय, प्रतापगढ़ को उनकी पुस्तक 'महारथी कर्ण' के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार की धनराशि दो लाख रुपये।
5. महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान : डा. व्यासमणि त्रिपाठी, कुशीनगर को उनकी पुस्तक 'कविता की नयी संवेदना' के लिए मिलेगा। पुरस्कार की धनराशि दो लाख रुपये।
6. महादेवी वर्मा सम्मान : डा. रतन कुमारी वर्मा, प्रयागराज को उनकी पुस्तक 'महिला सशक्तिकरण: चिंतन की नई दिशाएं' के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार की धनराशि एक लाख रुपये।
7. फिराक गोरखपुरी सम्मान : डा. अंजना सिंह सेंगर, जालौन को उनकी पुस्तक 'अगर तुम मुझसे कह देते' के लिए मिलेगा। पुरस्कार की धनराशि एक लाख रुपये।
8. भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान : जयशंकर प्रसाद द्विवेदी, चंदौली को उनकी पुस्तक 'आखर आखर गीत' के लिए दिया गया है। पुरस्कार की धनराशि एक लाख रुपये।
9. बनादास अवधी सम्मान : पवन कुमार सिंह, सुल्तानपुर को उनकी पुस्तक 'मंगल होइ बिहान' के लिए दिया गया है। पुरस्कार की धनराशि एक लाख रुपये।
10. कुम्भनदास ब्रजभाषा सम्मान : अंजीव अंजुम, मथुरा को उनकी पुस्तक 'जे बतियां यमुना के जल की' के लिए मिला है। पुरस्कार की धनराशि एक लाख रुपये।
11. ईसुरी बुंदेली सम्मान : डा. दया दीक्षित, कानपुर, को उनकी पुस्तक 'फाग लोक के ईसुरी' के लिए दिया गया है। पुरस्कार की धनराशि एक लाख रुपये।
12. हिंदुस्तानी एकेडमी युवा सम्मान (काव्य विधा) शुभम श्रीवास्तव 'ओम', मीरजापुर को उनकी पुस्तक 'गीत लड़ेंगे अंधियारों से' के लिए दिया गया है। पुरस्कार की धनराशि 11 हजार रुपये।
13 . हिंदुस्तानी एकेडमी युवा सम्मान (कथा विधा) अनिल कुमार 'निलय', चित्रकूट को उनकी पुस्तक 'लाकडाउन पॉजिटिव' के लिए मिला है। पुरस्कार की धनराशि 11 हजार रुपये।
पुरस्कार से बढ़ा उत्साह : डॉ. श्रीकृष्ण
शिखर सम्मान गुरु गोरक्षनाथ से सम्मानित डॉ. श्रीकृष्ण 'जुगनू' कहते हैं कि पुरस्कार से उनका उत्साह बढ़ा है। वो उपवेदिक ग्रंथों पर नई ऊर्जा से काम करेंगे। राजस्थान के उदयपुर जिला स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय उदयसागर में हिंदी के शिक्षक डॉ. श्रीकृष्ण राष्ट्रपति से पुरस्कृत हैं। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान ने उन्हें संस्कृत का सेवाव्रती सम्मान दिया है।
प्रसन्न हूं, करूंगा बेहतर लेखन : प्रो. रामकिशोर
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रामकिशोर शर्मा को संत कबीरदास सम्मान मिला है। कहते हैं कि पुरस्कार पाने से प्रसन्न हूं। नई ऊर्जा से बेहतर लेखन करूंगा। प्रो. शर्मा की 'कबीर वाणी कथ्य और शिल्प', कबीर ग्रंथावली पुस्तक काफी चर्चित रही। मौजूदा समय हिंदी के आदिकालीन व पुनर्पाठ पर काम कर रहे हैं।
बढ़ गया उत्साह : डॉ. रतन कुमारी
जगत तारन गल्र्स पीजी कालेज में हिंदी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रतन कुमारी वर्मा महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित हैं। कहती हैं कि पुरस्कार पाने से उनका हौसला बढ़ा है। वो साहित्य व समाजहित में लेखन जारी रखेंगी। डॉ. रतन मौजूदा समय 'स्त्री मुक्ति का संघर्ष : सेवा सदन' व 'महात्मा गांधी : शाश्वत चिंतक' नामक पुस्तकों पर काम कर रही हैं। इनकी पुस्तक नारी चित्रण, हिंदी आलोचना के तीन आयाम काफी चर्चित रही है।