Move to Jagran APP

ऐतिहासिक है इलाहाबाद विश्वविद्यालय का Hindu Hostel, आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों के छिपने का था ठिकाना

प्रो. शुक्ल बताते हैं कि महामना मदन मोहन मालवीय ने जब हिंदू छात्रावास बनवाने का निर्णय लिया तो लोगों ने उनके इस संकल्प का दिल खोलकर स्वागत किया। महामना से इसके लिए देश भर में घूम-घूमकर राशि एकत्र की थी। हॉस्टल निर्माण में तकरीबन ढाई लाख रुपये लगे थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 01:40 PM (IST)
ऐतिहासिक है इलाहाबाद विश्वविद्यालय का Hindu Hostel, आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों के छिपने का था ठिकाना
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का हिंदू छात्रावास का संबंध आजादी की लड़ाई से है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय का हिंदू छात्रावास का इतिहास बहुत पुराना है। मदनमोहन मालवीय द्वारा निर्मित कराया गया यह छात्रावास आजादी की लड़ाई के दौरान क्रांतिकारियों के छिपने का ठिकाना था। वहीं आजाद भारत के तमाम बड़े राजनेता और साहित्यकार पढ़ाई के दौरान इसी छात्रावास में रह चुके हैं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा से लेकर प्रधानमंत्री रहे चंद्रशेखर और साहित्यकार फिराक गोरखपुरी आदि के नाम शामिल हैं।

loksabha election banner

महामना मालवीय के प्रयासों से तैयार हुआ था हिंदू छात्रावास

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे विनोद चंद्र दुबे का कहना है कि वर्ष 1887 में जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय की नींव पड़ी तो यहां दाखिला लेने के लिए होड़ बढ़ गई थी। उत्तर भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय होने के कारण कई प्रांतों से पढऩे के लिए छात्र यहां पर आते थे लेकिन यहां रहने का खर्च वहन करना कठिन था। ऐसे में महामना मदनमोहन मालवीय ने 1901 में हिंदू छात्रावास का निर्माण शुरू कराया। 250 कमरे का छात्रावास सन् 1903 में बनकर तैयार हुआ था। 

पहले मैक्डोनल यूनिवर्सिटी हिंदू बोर्डिंग हाउस था नाम

इतिहासकार प्रो. विमलचंद्र शुक्ला का कहना है कि हिंदू छात्रावास जहां पर बना हुआ है वह पहले आरके दवे का तालाब होता था। तत्कालीन यूपी प्रांत के गवर्नर रहे एटनी मैक्डोनल की पहल पर तालाब को पाटने के बाद छात्रावास का निर्माण शुरू किया गया। एटनी के नाम पर छात्रावास का नाम मैक्डोनल यूनिवॢसटी हिन्दू बोॄडग हाउस रखा गया। 1950 में इसका नाम मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी कालेज हो गया। इसे लोग बोलचाल में हिंदू हॉस्टल कहने लगे। शुरूआत में यहां पर पढ़ाई भी होती थी। 

हिंदू छात्रावास बनवाने के लिए महामना ने जुटाया था चंदा

प्रो. शुक्ल बताते हैं कि महामना मदन मोहन मालवीय ने जब हिंदू छात्रावास बनवाने का निर्णय लिया तो लोगों ने उनके इस संकल्प का दिल खोलकर स्वागत किया। महामना से इसके लिए देश भर में घूम-घूमकर राशि एकत्र की थी। उस समय हॉस्टल के निर्माण पर तकरीबन ढाई लाख रुपये लगे थे, जिसे उन्होंने चंदे से जुटाया। 

हिंदू हॉस्टल में रहने वाले तमाम छात्र बुलंदियों पर पहुंचे

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे का कहना है कि हॉस्टल में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद समेत कई स्वतंत्रता सेनानी भी रहा करते थे। आजाद के अतिरिक्त पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा, गोविंद बल्लभ पंत, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, एनडी तिवारी, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला, उर्दू शायरी के सशक्त हस्ताक्षर फिराक गोरखपुरी, कवि सुमित्रानंदन पंत, धर्मवीर भारती समेत अनेक महापुरुष इस छात्रावास में रहे। बताया कि चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री के रूप में 10 नवंबर 1990 को शपथ ली थी और छह मार्च 1991 तक पद पर रहे थे। इसी दौरान वह इलाहाबाद आए थे तो हिंदू हॉस्टल भी गए थे। 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने लीज पर किया है अधिग्रहण

दो साल पहले तक हिंदू हॉस्टल का संचालन मदन मोहन मालवीय हिंदू बोर्डिंग सोसाइटी करती थी। वर्तमान में संचालन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हाथ में है। इसके लिए इस सोसाइटी के संरक्षक जस्टिस गिरिधर मालवीय और विश्वविद्यालय के कुलपति रहे प्रो. रतनलाल हांगलू के बीच सहमति बनी थी जिसके बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हुई। विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी डा. जया कपूर के अनुसार हॉस्टल को 29 साल 11 माह के लिए परपीचुअल लीज पर विश्वविद्यालय ने लिया है। वर्ष 2019 में हिंदू हॉस्टल के अधिग्रहण पर एक रुपये बतौर टोकन अमाउंट लगा था जबकि पेपर वर्क में साढ़े चार लाख रुपये खर्च आए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.