हाई कोर्ट ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के आवेदन में गलती सुधारने का मौका देने से किया इनकार
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में ऑनलाइन आवेदन फार्म की गलती सुधारने का मौका देने की मांग में दाखिल दर्जनों याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में ऑनलाइन आवेदन फार्म की गलती सुधारने का मौका देने की मांग में दाखिल दर्जनों याचिकाएं खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने कहा कि भर्ती के विज्ञापन निर्देशों में स्पष्ट है कि आवेदन फार्म एक बार सबमिट करने के बाद किसी दशा में सुधार का मौका नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि आवेदन फार्म भरते समय यह स्पष्ट प्रावधान किया गया था कि ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद अभ्यर्थी उसका प्रिंट आउट लेकर अपने मूल दस्तावेजों से मिलान कर यह सुनिश्चित करेगा कि उसके द्वारा भरी गई सभी प्रविष्टियां सही हैं। इसके बाद में संशोधन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रुखसार खान व कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याची का कहना था कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती का आवेदन करते समय मानवीय त्रुटि के चलते उनके ऑनलाइन आवेदन गलत हो गए हैं। अलग-अलग अभ्यर्थियों ने इंटरमीडिएट, स्नातक व बीएड का अंक गलत भरा है, जबकि कई अभ्यर्थी ऐसे भी थे जो अपनी आरक्षित श्रेणी और विशेष आरक्षण श्रेणी भरना भूल गए थे। एक अभ्यर्थी ने अपने पिता के नाम की जगह मां का नाम और मां की जगह पिता का नाम भरा है। इन सबने आवेदन पत्र में की गई त्रुटि को मानवीय भूल बताते हुए सुधार करने का आदेश देने की मांग की थी।
याचियों के वकीलों की दलील थी कि नियुक्ति के समय मेधावी अभ्यर्थियों का चयन किया जाना चाहिए। किसी त्रुटि के कारण मेधावी अभ्यर्थी को चयन से बाहर करना सही नहीं है। कोर्ट ने इस दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि आवेदन फार्म भरते समय यह स्पष्ट प्रावधान किया गया था कि ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद अभ्यर्थी उसका प्रिंट आउट लेकर अपने मूल दस्तावेजों से मिलान कर यह सुनिश्चित करेगा कि उसके द्वारा भरी गई सभी प्रविष्टियां सही हैं। इसके बाद में संशोधन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।