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हाई कोर्ट ने शाइन सिटी के निवेशकों को चपत लगाने के आरोपित नसीम बंधुओं की गिरफ्तारी का दिया निर्देश

शाइन सिटी के निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मुख्य आरोपित नसीम उसके भाई तथा अन्य की गिरफ्तारी का निर्देश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया है। देश से भागे अभियुक्त का पासपोर्ट तत्काल निरस्त करने का भी निर्देश हाई कोर्ट ने दिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 02:32 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 02:32 PM (IST)
हाई कोर्ट ने शाइन सिटी के निवेशकों को चपत लगाने के आरोपित नसीम बंधुओं की गिरफ्तारी का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शाइन सिटी के निवेशकों से करोड़ों की धोखाधड़ी के मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शाइन सिटी के निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मुख्य आरोपित नसीम, उसके भाई तथा अन्य की गिरफ्तारी का निर्देश दिया है। कहा है कि देश से भागे अभियुक्त का पासपोर्ट तत्काल निरस्त किया जाए। कोर्ट ने मामले में आर्थिक अपराध शाखा के निदेशक को 22 अक्टूबर को तलब किया है। पूछा है कि विदेश भागने दो मुख्य आरोपियों में एक का ही पासपोर्ट क्यों निरस्त किया गया। 

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श्रीराम राम की याचिका पर हुई सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि 1647 निवेशकों के 237 करोड़ रुपये हड़पने वालों के खिलाफ 284 एफआइआर दर्ज कराई गई है। एफआइआर दर्ज होते ही पासपोर्ट क्यों नहीं निरस्त किया गया। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने श्रीराम राम की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने हैरानी जताई कि अभियुक्तों के खिलाफ वारंट जारी है एक अधिवक्ता के मार्फत केस में पक्ष भी रख रहा है लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई। कोर्ट ने निदेशक आर्थिक अपराध शाखा व प्रदेश के डीजीपी को तलब किया था। हालांकि डीजीपी की अगली तिथि पर हाजिरी माफ कर दी है। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अनुपालन रिपोर्ट पेश की और दो हफ्ते का समय मांगा।

पुलिस आर्थिक अपराध शाखा के रवैये पर नाराजगी

खंडपीठ ने पुलिस आर्थिक अपराध शाखा के रवैये पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि 2019 मेंं एफआइआर दर्ज हुई। हजारों निवेशकों का करोड़ों हजम करने वाले अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी। दो मुख्य आरोपियों राशिद नसीम व आसिफ नसीम में केवल एक का ही पासपोर्ट निरस्त किया गया है। केस दर्ज होते ही पासपोर्ट निरस्त क्यों नहीं किया गया, यह समझ से परे है। खंडपीठ ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। साथ ही निर्देश दिया है कि आदेश की प्रति विदेश मंत्रालय को कार्रवाई के लिए भेजी जाए। इस याचिका को विमल कुमार मिश्र केस के साथ सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर को पेश करने का निर्देश दिया है।


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