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हाई कोर्ट का आदेश, सरकार कर्मचारी को परिलाभों का भुगतान करें या बताए कारण

याचिका पर अधिवक्ता धनंजय कुमार मिश्र ने बहस की। इनका कहना है कि डेढ़ साल पहले सेवानिवृत्त याची को पेंशन आदि सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। न ही इसका कोई कारण बताया गया है। इसलिए विलंब से भुगतान पर वह ब्याज पाने का हकदार है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 08:52 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 08:52 PM (IST)
हाई कोर्ट का आदेश, सरकार कर्मचारी को परिलाभों का भुगतान करें या बताए कारण
सेवानिवृत्त याची को दो माह में सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान या भुगतान न करने का कारण बताने का निर्देश

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कुशीनगर से फिशरीज इंस्पेक्टर पद से 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त याची को दो माह में सेवानिवृत्ति के समस्त परिलाभों का भुगतान करने या भुगतान न करने का कारण बताने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 21 मार्च को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने सुदामा लाल की याचिका पर दिया है।

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याचिका पर अधिवक्ता धनंजय कुमार मिश्र ने बहस की। इनका कहना है कि डेढ़ साल पहले सेवानिवृत्त याची को पेंशन आदि सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। न ही इसका कोई कारण बताया गया है। इसलिए विलंब से भुगतान पर वह ब्याज पाने का हकदार है। इस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।

आदेश का पालन करें या कोर्ट में हाजिर हों डीआइओएस

विधि संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक बुलंदशहर को सहायक अध्यापक भर्ती 2009 में चयनित याची का जिला बदायूं के बजाय बुलंदशहर दर्ज होने को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। कहा कि यदि पालन नहीं करते तो सात फरवरी को कोर्ट में हाजिर हों। यह आदेश न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल ने बदायूं के जगतपाल सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी ने बहस की।

इनका कहना है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज की सहायक अध्यापक भर्ती में याची चयनित हुआ है। उसे कालेज आवंटित किया गया है। याची ने एसडीएम बदायूं से निवास प्रमाणपत्र प्राप्त कर जमा किया है। कोर्ट ने 27 सितंबर 2019 को गलत रूप से दर्ज जिले को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने भी जिला विद्यालय निरीक्षक को त्रुटि सुधारने का निर्देश दिया है, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि दो प्राधिकारियों के बीच प्रकरण उलझा है। याची का कहना है कि पता दुरुस्त कर उसे ज्वाइन कराया जाय। इस पर कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को आदेश का पालन करने या हाजिर होने का निर्देश दिया है।


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