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यूपी टीईटी 2018 के विवादित प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

यूपीटीईटी 2018 मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। अब पुनः कल शनिवार को फिर छुट्टी के दिन कोर्ट खुलेगा और सुबह 10 बजे फैसला सुनाया जाएगा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 06:15 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 09:15 PM (IST)
यूपी टीईटी 2018 के विवादित प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित
यूपी टीईटी 2018 के विवादित प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

प्रयागराज,जेएनएन। 69 हजार शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के ऐन मौके पर यूपी टीईटी 2018 में पूछे गए सवालों के गलत जवाब का मामला फिर सतह पर आ गया है। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल विशेष अपील पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। शनिवार को अवकाश होने के बाद भी हाईकोर्ट इस मामले का फैसला सुनाएगा। अब कोर्ट के निर्णय पर ही रविवार को होने वाली 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा निर्भर करेगी। 

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल कर एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें कोर्ट ने 15 प्रश्नों पर विवाद के बजाए दो पर ही विशेषज्ञ राय लेने का आदेश दिया था। शुक्रवार को हिमांशु कुमार समेत दर्जनों अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ में हुई। याचीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे और सीमांत सिंह का कहना था कि टीईटी 2018 में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से जारी उत्तर कुंजी से मिलान करने पर 15 सवालों के उत्तर अभ्यर्थियों ने गलत पाए। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। एकलपीठ ने बुकलेट सीरीज 'एÓ के संस्कृत विषय के प्रश्न संख्या 66 और उर्दू विषय के प्रश्न संख्या 65 को ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की राय लेने का आदेश दिया, बाकी 13 विवादित प्रश्नों पर कोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों की राय मान ली। जबकि, शीर्ष कोर्ट का आदेश है कि जिन प्रश्नों पर विवाद हो उनको विशेषज्ञ राय के लिए भेजा जाए। खंडपीठ ने विशेष अपील पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया है। अब फैसला शनिवार को आएगा।

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पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्नों पर हुई बहस

अधिवक्ता ने बताया कि दाखिल विशेष अपील पर हुई बहस में पाठ्यक्रम के बाहर से पूछे गए प्रश्नों और जिन प्रश्नों के सभी उत्तर विकल्प गलत थे उनका मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। इन प्रश्नों के विवाद को परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों ने नहीं माना था। 

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पिछले साल जैसे फिर हालात 

परिषदीय स्कूलों की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा छह जनवरी को है। मंडल मुख्यालयों पर इसकी तैयारी भी पूरी हो चुकी है। ऐन मौके पर ठीक वैसे ही हालात बन रहे हैं, जैसे 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा के समय बने थे। उस समय परीक्षा 12 मार्च को प्रस्तावित थी और लखनऊ खंडपीठ की एकल पीठ ने छह मार्च को ही 14 प्रश्नों को डिलीट करके परिणाम नए सिरे से घोषित करने का आदेश दिया था। इससे परीक्षा टालनी पड़ी थी। हालांकि अप्रैल 2018 में डबल बेंच ने 13 प्रश्नों में विशेषज्ञों के जवाब को सही मानकर तीन प्रश्नों में समान अंक देने का निर्देश दिया था। लिखित परीक्षा 27 मई को कराई गई थी। 


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