Move to Jagran APP

Azad Park: शहीद आजाद पार्क में अतिक्रमण पर हाईकोर्ट सख्त तो पुलिस-प्रशासन पस्त

हाई कोर्ट के रुख से साफ है कि अभी आसानी से इस मामले में अफसरों को राहत नहीं मिलेगी। राज्य सरकार की तरफ क्या हलफनामा दिया जाता है। इसका सबको इंतजार है। मामले में अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होनी है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 02:32 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 02:32 PM (IST)
Azad Park: शहीद आजाद पार्क में अतिक्रमण पर हाईकोर्ट सख्त तो पुलिस-प्रशासन पस्त
हाई कोर्ट की सख्ती के बाद ढहाए एक मस्जिद, तीन मजार, 14 कब्र व तीन मंदिर

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क (कंपनी बाग) गुजरे सप्ताह चर्चा में रहा। यहां पर सालों से कई अतिक्रमण थे।हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद अफसर जागे और आनन फानन कई निर्माण ध्वस्त कराए गए। लेकिन यह कार्रवाई नाकाफी लग रही है। हाई कोर्ट के रुख से साफ है कि अभी आसानी से इस मामले में अफसरों को राहत नहीं मिलेगी। राज्य सरकार की तरफ क्या हलफनामा दिया जाता है। इसका सबको इंतजार है। मामले में अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होनी है।

loksabha election banner

जून में याचिका दायर होने के बाद सात बार हो चुकी सुनवाई

आजाद पार्क में अवैध निर्माण के खिलाफ 23 जून 2021 को जितेंद्र सिंह विसेन ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। तब से अब तक इस मामले में सात बार सुनवाई। इस मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने कमिश्नर सहित प्रशासन, पीडीए और नगर निगम के अफसरों को तलब किया तो वह सक्रिय हुए। तब आजाद पार्क में हुए निर्माण के रिकार्ड खंगाले जाने लगे। हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि 1975 के बाद जो भी निर्माण हुआ है, उसे ढहा दिया जाएगा। इस हिसाब से दस्तावेज खंगाले गए और सात अक्टूबर को दोपहर से लेकर आधी रात तक अवैध कब्जा ढहाया गया। वहां पर झील के ठीक सामने स्थित प्राचीन मजार के समीप बनी तीन मजार, मदन मोहन मालवीय स्टेडियम के पीछे बने एक मस्जिद और 14 कब्रों को जेसीबी से ढहाया गया। तीन अलग-अलग हिस्सों में बने तीन छोटे मंदिर भी गिराए गए। 21 धार्मिक निर्माणों के अलावा कैंटीन, टीन शेड, चहारदीवारी समेत लगभग ढाई से तीन दर्जन अतिक्रमण हटाए गए। मस्जिद और मजारें जहां से हटाई गई हैं, वहां मलबा समतल कराकर पौधे लगा दिए गए। इलाहाबाद संग्रहालय के समीप कैंटीन और प्याऊ स्थल ढहाए गए। ब्रह्म विद्या केंद्र की चहारदीवारी भी ढहा दी गई। प्रयागराज संगीत समिति और हिंदुस्तान एकेडमी परिसर में कुछ अवैध निर्माण करा लिए गए थे, उसे गिरा दिया गया है। अवैध कब्जा गिराने के बाद जिला प्रशासन ने आठ अक्टूबर को हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। लेकिन हाई कोर्ट उससे संतुष्ट नहीं है। अब इस मामले में सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।

डीएम का है यह कहना

- हाई कोर्ट के निर्देशानुसार आजाद पार्क में 1975 के बाद जो भी अवैध निर्माण हुए थे, उसे ढहा दिया गया है। वहां से मलवा भी हटवा दिया गया है। इसके बाद भी जो निर्देश दिए जाएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

- संजय कुमार खत्री, डीएम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.