कोरोना संक्रमण रोकने को हाई कोर्ट के सख्त निर्देश, मास्क व शारीरिक दूरी का पालन कराए पुलिस
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सराहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सराहा है। इसके साथ हाई कोर्ट ने हर व्यक्ति की जांच करने के लिए टेस्टिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चाय-पान की दुकानों पर शारीरिक दूरी मानक का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है कि वह पुलिस के जरिए लोगों से मास्क लगाने और शारीरिक दूरी नियम का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराएं। यह आदेश न्यायामूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायामूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने क्वारंटाइन सेंटर में व्याप्त गंदगी व अव्यवस्था पर कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि मोहल्ला और ग्राम समिति स्थानीय निकाय के जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हर व्यक्ति से संपर्क करके रजिस्टर में परिवार का ब्योरा दर्ज कराएं। उसमें मरीज का जिक्र करते हुए उसकी जांच व इलाज की संस्तुति करें। रजिस्टर लिखने के लिए नगर निगम, ग्रामसभा बेरोजगार युवाओं को नियुक्त कर उनको रोजगार मुहैया कराएं। कहा कि प्रत्येक जिले में रैपिड टेस्टिंग किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जांच मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जाए। किट से जांच के बाद मशीन से भी जांच की जाए। संदिग्ध को तुरंत इलाज के लिए ले जाया जाए।
हाई कोर्ट ने 18 जून को दिए अपने सुझावों पर अमल करने सहित अनुपालन का हलफनामा मांगा है। जनहित याचिका पर अगली सुनवाई नौ जुलाई को होगी। याचिका पर अधिवक्ता एसपीएस चौहान व गौरव कुमार गौर तथा अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता एके गोयल, भारत सरकार के एडिशनल सॉलीसिटर जनरल शाशि प्रकाश सिंह ने पक्ष रखा।
फैलाव रोकने का प्रयास कर रही सरकार : अपर महाधिवक्ता गोयल ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के प्रयास कर रही है। कोर्ट द्वारा दिये गए सुझावों पर अमल करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। हर आदमी तक पहुंचने के लिए सरकार ने मोहल्ला व ग्राम समितियों का गठन किया है। प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार लोगों की जांच हो रही है। रैपिड टेस्टिंग किट से जांच के बाद आरटीपीसीआर मशीनों से जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि एक हफ्ते में अधिक जांच क्षमता वाली एक आरटीपीसीआर मशीन स्थानीय स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय को मिल जाएगी।
प्रयागराज की जांच 15 दिन में पूरी कराएं : हाई कोर्ट ने प्रयागराज के 71 वार्डों के लोगों की 15 दिन में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जांच सैंपल भेजने के तरीके को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से देखा और संतोष जाहिर किया।