Move to Jagran APP

हाई कोर्ट बार के महासचिव ने चीफ जस्टिस से फिर की यूपी की बिगड़ती कानून व्यवस्था में हस्तक्षेप की मांग

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के निर्वाचित महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने फिर से मुख्य न्यायाधीश को अनुस्मारक पत्र भेजकर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर हस्तक्षेप करने की मांग की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:39 PM (IST)
हाई कोर्ट बार के महासचिव ने चीफ जस्टिस से फिर की यूपी की बिगड़ती कानून व्यवस्था में हस्तक्षेप की मांग
हाई कोर्ट बार के महासचिव ने चीफ जस्टिस से फिर की यूपी की बिगड़ती कानून व्यवस्था में हस्तक्षेप की मांग

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के निर्वाचित महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने शुक्रवार को फिर से मुख्य न्यायाधीश को अनुस्मारक पत्र भेजकर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर हस्तक्षेप करने की मांग की है। गुरुवार को भी उन्होंने दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के साथी अमर दुबे के हमीरपुर में मुठभेड़ में मारे जाने पर सवाल उठाया था। महासचिव ने चीफ जस्टिस से इस मामले में सुओ मोटो संज्ञान लेने का आग्रह भी किया था।

loksabha election banner

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने पत्र में लिखा कि यूपी में कानून व्यवस्था फेल हो गई है। संविधान में प्रदत्त नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट आगे आकर हस्तक्षेप करे। ज्ञात हो कि बार महासचिव ने गुरुवार को भी पत्र भेजकर दुर्दांत अपराधी कानपुर के विकास दुबे के करीबी अमर दुबे को हमीरपुर में हुए एनकाउंटर पर सवाल उठाया था। पत्र में संज्ञान लेने की प्रार्थना की गयी थी। पत्र का संज्ञान नहीं लिए जाने पर फिर एक पत्र चीफ जस्टिस को अनुस्मारक लिखा गया है।

चीफ जस्टिस को दोबारा भेजे पत्र में बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने कहा कि लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ का मुखिया होने के नाते आपसे विनम्र विनती है कि आप प्रदेश के हालात पर हस्तक्षेप करें और एक उचित व कठोर दिशानिर्देश जारी करें, जिससे प्रदेश की जनता के मन में कानून का शासन होने का एहसास हो और वे खुद को सुरक्षित महसूस करें। 

अपराधियों पर हो कड़ी कार्रवाई : हाई कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. सर्वदेव सिंह योगाचार्य कलाम का कहना है कि अपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जनसामान्य की सुरक्षा के लिए अपराधिक किस्म के लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए, उसमें किसी प्रकार का समझौता करना अनुचित है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.