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Hernia से परेशान हैं तो कतई नजरअंदाज मत करें, तुरंत कराएं ऑपरेशन Prayagraj News

सभी को अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति सतर्क रहना चाहिए। पेट की शल्य चिकित्सा के बाद हार्निया होना सामान्य बीमारी है। दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर में डॉ. देवेंद्र शुक्ल ने सुझाव दिए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:21 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 09:21 AM (IST)
Hernia से परेशान हैं तो कतई नजरअंदाज मत करें, तुरंत कराएं ऑपरेशन Prayagraj News
Hernia से परेशान हैं तो कतई नजरअंदाज मत करें, तुरंत कराएं ऑपरेशन Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। हार्निया ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज ऑपरेशन से ही संभव है। हालांकि कुछ सावधानी बरतकर हार्निया को गंभीर होने से रोका जा सकता है। हां एक बात याद रखें, इसे नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत ऑपरेशन कराएं। यह जानकारी स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के जनरल सर्जन डॉ. देवेंद्र शुक्ल ने दी है। उन्‍होंने और भी टिप्‍स भी दिए।

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हार्निया की समस्या दोबारा हुई तो ऑपरेशन फिर होगा

डॉ. देवेंद्र शुक्ल दैनिक जागरण के 'हेलो डॉक्टर' कार्यक्रम में पाठकों के पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पित्त की थैली में छोटी पथरी अगर है डॉक्टर से संपर्क करें। दिक्कत ज्यादा हो तो ऑपरेशन करा लें। कहा कि शरीर का सिस्टम कुछ ऐसा है, यदि एक बार पथरी बनती है तो आगे भी संभावना अधिक बनी रहती है। बताया कि हार्निया की समस्या दोबारा अगर किसी को हुई है तो ऑपरेशन फिर से कराना होगा। दूरबीन से भी ऑपरेशन हो सकता है।

पेट दर्द कई बीमारियों की ओर इशारा करता है

डॉ. देवेंद्र शुक्ल ने बताया कि पेट का दर्द कई बीमारियों की ओर इशारा करता है। हो सकता है प्रोस्टेट बढ़ा हो। जिसे समस्या हो, वह अल्ट्रासाउंड करा ले, जिससे पेट दर्द का कारण स्पष्ट होगा। बताया कि पथरी अगर छोटी है तो दवा से निकल सकती है। इसके लिए मरीज को परहेज करना पड़ेगा। कॉफी, चाय, चाऊमीन, बर्गर, टमाटर, बैगन आदि से परहेज करें और खूब पानी पीते रहें। उन्होंने बताया कि अगर किसी को शौच करते समय खून निकलता है और दर्द भी होता है तो यह बवासीर के लक्षण हैं। अस्पताल मेंं दूरबीन से जांच करने पर पता चल जाएगा कि कोई मांस तो नहीं बढ़ा है।

सड़क दुर्घटना हो जाए तो सबसे पहले यह करें

डॉ. देवेंद्र शुक्ल ने बताया कि ऐसी स्थिति में प्रयास करें कि घायल को एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाएं। औसतन इससे 87 फीसद लोगों की जान बचाई जा सकती है। अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाता है। 

  

पित्त की थैली में समस्या अधिक

डॉ. देवेंद्र शुक्ल ने बताया कि पित्त की थैली में पथरी की समस्या अधिक है। यदि लक्षण की पहचान कर ली जाए तो दवा से नियंत्रित किया जा सकता है। गंभीर स्थिति में सर्जरी की जाती है। पहले ओपन सर्जरी होती थी जिसकी प्रक्रिया तकलीफदेह थी लेकिन आज लेप्रोस्कोपी से पित्त की थैली को ही शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।

पेट में अधिक दर्द हो तो सावधान हो जाएं

डॉ. देवेंद्र शुक्ल ने कहा कि बार-बार पेट में बहुत तेज दर्द हो तो सावधान हो जाएं। शरीर का कोई अंग जब झिल्ली से बाहर निकल आता है तो उसे हार्निया कहते हैं। इसमें तेज दर्द के साथ चलने-फरने में दिक्कत और उल्टी हो सकती है। यह आमतौर पर शरीर के किसी हिस्से की मसल्स की कमजोरी व लगातार प्रेशर पडऩे से होता है।


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