प्रयागराज में कहीं लगा है ताला तो कई अस्पतालों में नहीं बनी कोविड हेल्प डेस्क
कोविड हेल्प डेस्क का उद्देश्य यह है कि यदि अस्पताल में कोई कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण वाले मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं तो उन्हेंं पहले इसी काउंटर पर जाना होगा। यहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी उनकी मदद करते हैं और पहले एंटीजन किट से उनकी जांच करते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए शासन स्तर से सभी अस्पतालों में कोविड हेल्प डेस्क बनाने का निर्देश दिया है। अस्पतालों में इसके लिए अलग से काउंटर बनाए गए हैं, जो महज शोपीस बने हुए हैंं। कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की मदद करने में यह कोविड हेल्प डेस्क अक्षम हैं, इसकी वजह यह है कि हेल्प डेस्क में ताला लटक रहा है। और तो और कई स्थानों पर तो यह हेल्प डेस्क बनी ही नहीं है।
कई अस्पताल में नहीं है डेस्क
कोविड हेल्प डेस्क का उद्देश्य यह है कि यदि अस्पताल में कोई कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण वाले मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं तो उन्हेंं पहले इसी काउंटर पर जाना होगा। यहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी उनकी मदद करते हैं और पहले एंटीजन किट से उनकी जांच करते हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद यह तय किया जाता है कि मरीज को इलाज के लिए कहां भेजना है? वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे अस्पताल हैं जहां पर अभी तक यह हेल्प डेस्क बनाई ही नहीं गई है। कोविड-19 के नोडल व जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि अस्पतालों में कोविड-19 हेल्प डेस्क बनाने के लिए शासन की ओर से निर्देश दिए हैं। कोविड अस्पतालों में विशेष रूप से इसका संचालन किया जाना है।
ठंड में ज्यादा है जोखिम
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने के बाद जनपद में फिर रोजाना ७० और ८० नए केस के आसपास लगातार बनी है। तमाम स्वास्थ्य विशेेेेषज्ञ भी चेता चुके हैं कि दिसंबर और जनवरी के ठंडे मौसम में कोरोना का संक्रमण ज्यादा घातक साबित होगा इसलिए जरूरत इस बात की है कि लोग ज्यादा एहतियात बरतें। बचाव के लिए दो गज की दूरी तथा मास्क जरूरी की गाइडलाइन पर अमल किया जाना भी बेहद जरूरी है।