जिरह सुन फैसला करने में उलझा निर्णायक मंडल
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के विधि संकाय की ओर से आयोजित ऑनलाइन मूट कोर्ट प्रतियोगिता में आठ संस्थानों के विधि छात्रों ने अपने जिरह से निर्णायक मंडल के पसीने छुड़ा दिए। बेबाकी से विधि छात्रों की तरफ से प्रस्तुत किए गए तर्क को सुनकर घंटों आपस में चर्चा करने के बाद चार टीमों को क्वार्टर फाइनल से सेमीफाइनल के लिए चुना गया।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के विधि संकाय की ओर से आयोजित ऑनलाइन मूट कोर्ट प्रतियोगिता में आठ संस्थानों के विधि छात्रों ने अपने जिरह से निर्णायक मंडल के पसीने छुड़ा दिए। बेबाकी से विधि छात्रों की तरफ से प्रस्तुत किए गए तर्क को सुनकर घंटों आपस में चर्चा करने के बाद चार टीमों को क्वार्टर फाइनल से सेमीफाइनल के लिए चुना गया।
विधि संकाय के डीन और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जेएस सिंह ने बताया कि शनिवार को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में आठ संस्थान ने प्रतिभाग किया। इनमें नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हैदराबाद, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी औरंगाबाद, रिजवी लॉ कॉलेज मुंबई, बेनेट यूनिवर्सिटी नई दिल्ली, अलीगढ़ मुस्लिम विवि, भीमराव आंबेडकर लॉ कॉलेज आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी अैर मणिपाल यूनिवर्सिटी सिक्किम ने जगह बनाई। प्रो. सिंह ने बताया कि प्रतिभागियों ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्णयों का गंभीरता से अध्ययन करने के बाद घंटों जिरह किया। उन्होंने मजबूती के साथ अपने तर्क रखे। सभी छात्रों के तर्क को सुनने के बाद निर्णायक मंडल भी सेमीफाइनल के लिए चार टीमों के चयन में उलझ गए। बाद में रिजवी लॉ कॉलेज, बेनेट यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम विवि और भीमराव आंबेडकर लॉ कॉलेज को सेमीफाइनल के लिए चुना गया। निर्णायक मंडल में भोपाल विवि से प्रो. मोना पुरोहित, मुंबई विवि से प्रो. प्रिया साह, राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से प्रो. स्कंद कुमार पांडेय के अलावा सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड अपूर्व भुवनेश अवस्थी, राजीव राय और दिव्यांशु श्रीवास्तव शामिल रहे। इस दौरान प्रो. अमन मेहता, प्रो. अनन्या तिवारी के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट के तमाम अधिवक्ता भी ऑनलाइन मोड में उपस्थित रहे।