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धर्मांतरण कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर 22 अक्तूबर को Allahabad High Court में सुनवाई

यूपी सरकार द्वारा बनाए गए धर्मांतरण कानून के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर आज सुनवाई नहीं हो सकी। अगली सुनवाई अब 22 अक्टूबर को होंगी। हाई कोर्ट ने निबंधक कार्यालय पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अन्य याचिकाओं को भी साथ में लिस्ट करना था जो नहीं किया गया

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 08:59 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 07:52 AM (IST)
धर्मांतरण कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर 22 अक्तूबर को Allahabad High Court में सुनवाई
धर्मांतरण कानून के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर आज सुनवाई नहीं हो सकी।

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए यूपी सरकार द्वारा बनाए गए धर्मांतरण कानून के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर आज सुनवाई नहीं हो सकी। अगली सुनवाई अब 22 अक्टूबर को होंगी। हाई कोर्ट ने निबंधक कार्यालय की अकर्मण्यता पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अन्य याचिकाओं को भी साथ में लिस्ट करना था जो नहीं किया गया। अगली तारीख पर सभी याचिकाओं को पेश किया जाय। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी व जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।

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याचिका में कानून को संविधान विरोध दिया करार

सौरभ कुमार की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने यूपी सरकार के वकील से याचिकाकर्ता को जवाब की कापी देने के लिए कहा। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यूपी सरकार को तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। जनहित याचिका में धर्मांतरण कानून को संविधान विरोधी और गैरजरूरी बताया गया है और कहा गया है कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। इसका सियासी दुरुपयोग किए जाने की भी आशंका जताई गई है।

पार्षद और चौकी इंचार्ज पर मुकदमे का आदेश

नगर निगम के पार्षद अमरजीत यादव व ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज के विरुद्ध प्रयागराज जिला न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के प्रार्थना पत्र पर प्रार्थिनी के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ ने घटना के समय तत्कालीन चौकी इंचार्ज ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र के वर्तमान पार्षद व तीन अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। थाना धूमनगंज क्षेत्र की रहने वाली कलावती देवी ने न्यायालय में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया कि आठ अगस्त 2019 को पड़ोसी से विवाद हुआ था। पड़ोसियों की शिकायत दर्ज कराने के लिए अगले दिन ट्रांसपोर्ट नगर चौकी पर गई और प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रार्थिनी ने अदालत को बताया कि विपक्षियों के साथ पार्षद ने मिलकर चौकी इंचार्ज को पैसा दे दिया। चौकी इंचार्ज ने उसे बेवजह 12 घंटे तक चौकी में बैठाकर रखा। पार्षद के कहने पर बिना किसी कार्रवाई किए गाली देते हुए चौकी से भगा दिया। न्यायालय ने इंस्पेक्टर धूमनगंज को घटना के समय चौकी पर तैनात तत्कालीन चौकी इंचार्ज, टीपी नगर के पार्षद अमरजीत यादव व अर्जुन लाल यादव, राजू यादव और ओम प्रकाश के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू करने का आदेश दिया।


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