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Health News: सांस के हैं रोगी तो दीवाली से पहले बना लीजिए रेस्क्यू मेडिकेशन प्लान

मौसम के बदलाव और विभिन्न अन्य कारणों से लोगों के फेफड़े पर विपरीत असर पड़ना लाजिमी है। बीमारी को लेकर किसी असमंजस में रहने की बजाए डाक्टर के पास जाकर परामर्श लेना आवश्यक है। वरना बीमारी का शिकार हो सकते हैं

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 09:24 AM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 05:07 PM (IST)
Health News: सांस के हैं रोगी तो दीवाली से पहले बना लीजिए रेस्क्यू मेडिकेशन प्लान
बीमारी को लेकर किसी असमंजस में रहने की बजाए डाक्टर के पास जाकर परामर्श लेना आवश्यक है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी की दो लहरों के प्रभाव के चलते सांस के राेगियों की तादाद पहले की अपेक्षा बढ़ गई है। ऐसे में जरूरी है कि अपनी सेहत के प्रति लोग फिक्रमंद हो जाएं। मौसम के बदलाव और विभिन्न अन्य कारणों से लोगों के फेफड़े पर विपरीत असर पड़ना लाजिमी है। बीमारी को लेकर किसी असमंजस में रहने की बजाए डाक्टर के पास जाकर परामर्श लेना आवश्यक है। रविवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में शहर के मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ डा. आशीष टंडन ने लोगों के सवाल के जवाब में कुछ यही परामर्श दिया। प्रस्तुत है पाठकों के सवाल और विशेषज्ञ से मिले जवाब के प्रमुख अंश ।

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सवाल : पत्नी को कोरोना हो गया था, संक्रमण से तो पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हैं लेकिन अब उन्हें सांस फूलने और गैस बनने की शिकायत हो गई है।

रामकृपाल मिश्रा, मुट्ठीगंज

जवाब : जिन भी लोगों को कोविड हो चुका है उन्हें आमतौर पर ऐसी दिक्कतें हो रही हैं। इसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम कहते हैं। आप ज्यादा परेशान न हों। किसी डाक्टर से संपर्क करें। कुछ दवाएं चलेंगी। जल्द ही बीमारी ठीक हो जाएगी। खाने में मसाले का इस्तेमाल ज्यादा न करें।

सवाल : मेरे 70 वर्षीय पिता को एक साल पहले लकवा हो गया था। उन्हें अब छह माह से सांस लेने में दिक्कत हो रही है। हालांकि वे तंबाकू का सेवन भी करते हैं।

फौजदार माली, तेलियरगंज

जवाब : तंबाकू का सेवन करने वालों को सांस की बीमारी होने की संभावना ज्यादा रहती है। पिता जी से कहिए कि सबसे पहले तंबाकू का सेवन बंद कर दें। इसके बाद उन्हें किसी डाक्टर के पास ले जाकर सीओपीडी का डायग्नोस कराएं। उचित इलाज से बीमारी ठीक हो जाएगी।

सवाल : चाचा जी 65 साल के हैं। उन्हें सीढ़ी चढ़ते समय सांस फूलने लगती है।

नरेश चंद्र निषाद, झूंसी

जवाब : चाचा जी से कहिए के गुटखा खाना बंद करें। दिक्कत उसी से हो रही है। इसके बाद किसी कुशल डाक्टर के पास ले जाकर इलाज का उचित परामर्श लें।

सवाल : मेरी उम्र 41 साल है। जब भी मौसम बदलता है या वातावरण में कुछ ठंडक होने लगती है तो सांस फूलती है। क्या करें।

सुक्रति राय, अशोक नगर

जवाब : आप जो लक्षण बता रही हैं उससे तो यह दमा की बीमारी लग रही है। यह पोलन एलर्जी है जो परागगण यानी पेड़ पौधों के संपर्क में आने से हाेती है। आप घर में गमले आदि में पौधों से दूर रहें और हो सके तो किसी बाग या पार्क में भी न जाएं।

सवाल : सीने में जकड़न रहती है। दो-तीन साल से यह समस्या बनी हुई है।

प्रेमचंद्र, प्रतापपुर

जवाब : आप जो लक्षण बता रहे हैं वह एलर्जी के हैं। हालांकि आपके फेफड़े की वाल्यूम क्षमता कम नहीं है। अस्पताल आ जाएं, इलाज आसानी से हो जाएगा।

सवाल : मई में मुझे कोरोना हो गया था। अब गले व सीने में हल्का दर्द बना रहता है। कभी-कभी सांस फूलती है।

माया पांडेय, तेलियरगंज

जवाब : आपको बलगम की जांच करानी पड़ेगी। क्योंकि पोस्ट कोविड ऐसे सीक्वेंस अधिकांश लोगों में देखे जा रहे हैं। आप किसी कुशल चिकित्सक से संपर्क करें। चिंता न करें बीमारी ठीक हो जाएगी।

सवाल : दो साल पहले सांस फूलने और खांसी की दिक्कत थी। दवा खाने से कुछ आराम रहता है फिर दिक्कत बढ़ जाती है। क्या करें।

आशुतोष त्रिपाठी, दारागंज

जवाब : आप एक इन्हेलर का इस्तेमाल करें और जिस डाक्टर को पहले से दिखा रहे हैं उन्हीं से संपर्क करें। ज्यादा परेशान न हों बीमारी ठीक हो जाएगी।

सवाल : मुझे छींक बहुत आती है। थोड़ी-थोड़ी सांस भी फूलती है। क्या करें।

भोला जी, हनुमानगंज

जवाब : आपको किसी चीज से एलर्जी है। आप पेड़ पौधों के संपर्क में न आएं। घर को खुला और हवादार रखें।

सवाल : मुझे आठ-10 साल से एलर्जी राइनाइटिस की दिक्कत है। सर्दी जुखाम हमेशा बना रहता है। क्या करें।

उदयभान कुशवाहा, कीडगंज

जवाब : ये नाक की बीमारी है। परागकण यानी पेड़ पौधों के पास जाने से परहेज करें। घर में गलीचे हों, साेफे पर कवर हो तो उसे सप्ताह में एक बार धूप में रखें। क्योंकि आपको इन्हीं से एलर्जी है।

सवाल : ठंडक के समय सांस लेने में दिक्कत होती है। मसालेदार खाना खाते हैं तो गले में जलन होने लगती है। क्या करें।

बीबी सिंह, फूलपुर

जवाब : आपको दमा की परेशानी लग रही है। किसी कुशल डाक्टर से संपर्क करें। नियमित दवा चलेगी और बीमारी से राहत मिलेगी।

सवाल : मुझे अप्रैल में कोरोना संक्रमण हो गया था। अब सुबह शाम सांस लेने में दिक्कत होती है।

देवराज सिंह, फूलपुर

जवाब : यह पोस्ट कोविड सिंड्रोम है। आप किसी डाक्टर को दिखाएं। इन्हेंलर चलेगा और कुछ दवाएं भी। परेशान न हों बीमारी ठीक हो जाएगी।

सवाल : सीने में बाएं तरफ दर्द होता है। सांस भी फूलती है। क्या करें।

त्रिवेणी शंकर पांडेय, अल्लापुर

जवाब : आप किसी हृदय रोग विशेषज्ञ के पास जाकर दिखाएं। आपको हार्ट की समस्या लग रही है।

सवाल : कुछ दिनों से समस्या हो रही है कि दो तीन घंटे पर लंबी सांस आने लगती है। क्या करें।

बीएस यादव, अशोक नगर

जवाब : यह एंजाइटी यानी मानसिक तनाव से संबंधित बीमारी हो सकती है। अगर आपको एंजाइटी नहीं है तो किसी डाक्टर के पास जाएं। हृदय का चेकअप कराएं।

सवाल : मैं डाइबिटीज का मरीज हूं। शुगर कंट्रोल रखता हूं। योग भी करता हूं। लेकिन सांस फूलती है। क्या करें।

शमशेर बहादुर सिंह, चर्चलेन

जवाब : आप योग करते हैं यह बहुत ही अच्छी बात है। योगाभ्यास न छोड़ें। फिर भी दिक्कत अगर बनी रहती है तो किसी कुशल डाक्टर के पास जाकर दिखाएं।

सवाल : मेरा तीन साल का बेटा है, जब तेज रोता है या चिल्लाकर बोलता है तो उसकी सांस रुकने लगती है।

घनश्याम सिंह, खागा फतेहपुर

जवाब : यह साइनोटिक बीमारी होती है। बच्चे को किसी बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाकर दिखाएं। परेशान न हों बच्चा ठीक हो जाएगा।

छोड़ दें तंबाकू का सेवन

तंबाकू का सेवन या धूमपान करते हैं इससे परहेज करें। क्योंकि आजकल कम उम्र में भी फेफड़े की बीमारी होने लगी है। युवा भी हृदय रोग के शिकार होने लगे हैं। अगर आप सांस के रोगी पहले से हैं तो दवा या इन्हेलर हमेशा अपने पास रखें।

दीवाली से पहले कर लें रेस्क्यू प्लान

दीवाली का त्योहार निकट है। इसमें पटाखों के धुएं और गैस से फेफड़े के राेगियों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। आप भी अगर फेफड़े की बीमारी से ग्रसित हैं तो दीवाली से पहले अपने डाक्टर से संपर्क कर पहले से रेस्क्यू मेडिकेशन प्लान बना लें। कोशिश करें कि पटाखों वाले स्थान पर न जाएं या घरों में बच्चों के लिए ग्रीन पटाखे ही मंगाएं।

टीका अनिवार्य रूप से लगवाएं

कोरोना रोधी वैक्सीन काफी कारगर है। टीका जरूर लगवाएं। क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर का अब कोई भरोसा नहीं है। टीकेे की दोनों डोज लगवाए रहेंगे तो संक्रमण होने पर भी फेफड़े में उसकी गंभीरता काफी कम रहेगी। कोरोना से बचे रहने के लिए टीका सर्वथा उपयुक्त है।

इन्होंने भी पूछे सवाल

महेंद्र प्रताप सिंह पत्रिका मार्ग, खुशियाल गिरि नैनी, नंदलाल यादव मुट्ठीगंज, रामचंद्र गुप्ता महेवा नैनी, राजेंद्र सिंह यादव मवैया मेजा रोड, हरिश्चंद्र मिश्रा गऊघाट, गंगोत्री देवी कीडगंज


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