Snake Bite : सर्पदंश का शिकार होने पर झाड़-फूंक नहीं बल्कि अस्पताल पहुंचें, यहां है इलाज की सुविधा
स्वास्थ्य विभाग ने पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक यानी इंटी वेनम इंजेक्शन की व्यवस्था की है। सर्पदंश की बढ़ती घटनाओं पर सीएचसी व अस्पतालों में इसे स्टॉक में रखने को कहा गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इन दिनों बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गई हैं। शहर से अधिक ग्रामीण इलाकों में सांप के दंश के अधिक केस सामने आ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारी कर ली है। ऐसा इसलिए कि सर्पदंश के बाद ऐसे लोगों को अस्पताल लाने पर बेहतर इलाज मिल सके। एंटी वेनम इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में मंगवा लिए हैं। इसके अतिरिक्त और इंजेक्शन की डिमांड की गई है ताकि किसी को भी बिना इंजेक्शन नहीं लौटना पड़े।
सभी सीएचसी व शहर के अस्पतालों को निर्देश
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सीएचसी व शहर के अस्पतालों को भी निर्देशित किया है कि वह अपने यहां स्टॉक में एंटी वेनम इंजेक्शन जरूर रखें। सभी सीएचसी के साथ ही स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल, मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल में भी इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं।
सीएचसी के स्टॉक
बहादुरपुर - 30
बहरिया - 25
चाका - 22
हंडिया - 40
होलागढ़ - 26
जसरा - 35
करछना - 28
कौंधियारा - 26
कौडि़हार - 30
कोरांव 30
मांडा - 20
मऊआइमा - 37
मेजा - 33
फूलपुर - 35
प्रतापपुर -40
सैदाबाद - 32
शंकरगढ़ - 33
सोरांव 36
रामनगर - 38
झाड़ फूंक नहीं, जाएं अस्पताल
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर देखा जाता है कि सांप के काटने पर लोग अस्पताल नहीं पहले झाडफ़ूंक कराने जाते हैं। यही कारण है कि व्यक्ति के शरीर में सांप का विष फैल जाता है और उसे बचाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए यदि किसी को सांप काटता है तो उसे तत्काल अस्पताल लेकर जाएं ताकि उसकी जान बचाई जा सके।
इन लक्षणों को जानें
सर्पदंश के बाद व्यक्ति के शरीर में कई लक्षण दिखने लगते हैं जैसे त्वचा पर दांतों के निशान, हल्का दर्द, निशान के चारो तरफ लालिमा, बेहोशी, सांस लेेने में तकलीफ, खून के धब्बे उभरना व पसीना आदि।
ऐसे करें बचाव
-गांवों में सर्पदंश का खतरा अधिक होता है इसलिए गांव में रहने वालों को विशेष ध्यान देना होगा।
-खेतों में मेड़ पर चलने में ध्यान रखें, क्योंकि बारिश में सांप ऊपर आ जाते हैं।
-सूखी घास पत्तियों के ढेर में अचानक हाथ पैर न डालें
-अंधेरे में टार्च लेकर निकलें, नीचे देखकर चलें।
-चूहों को घर से दूर रखें, उसे खाने के लिए सांप आ सकते हैं।
-जमीन पर लेटने से बचें, चारपाई बेड पर ही लेटें।
-घर में कबाड़ का ढेर न लगाएं।
-घर की सफाई करते वक्त सतर्क रहें।
काल्विन ही सहारा
दूर दराज के ज्यादातर मरीज एसआरएन, बेली व काल्विन ही आते हैं। जब से कोरोना का प्रकोप शुरू हुआ है तभी से काल्विन अस्पताल ही मरीजों का सहारा बना है। क्योंकि एसआरएन व बेली को कोविड अस्पताल बनाया गया है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके सिंह ने बताया कि हमारे यहां 900 वायल एंटी वेनम इंजेक्शन रखे गए हैं।
20 सीएचसी को किया गया सावधान
24 घंटे इमरजेंसी में इंजेक्शन रखने के हैं निर्देश
108 एंबुलेंस का ले सकते हैं सहारा
300 इंजेक्शन विभाग के स्टॉक में हैं उपलब्ध
बोले सीएमओ
सीएमओ डॉ. जीएस वाजपेई के मुताबिक, कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों से बचाव के भी इंतजाम किए जा रहे हैं। सभी सीएचसी व अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वह एंटी वेनम इंजेक्शन अपने यहां रखें। यदि कहीं इसकी कमी हो तो विभाग को अवगत कराएं।