प्रतापगढ़ में सक्रिय होगी 'मुखबिर योजना', कन्या भ्रूण हत्या रोकेगा स्वास्थ्य महकमा
स्वास्थकर्मी व पब्लिक का कोई व्यक्ति अपनी पहचान छिपाकर अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर भ्रूण जांच की हकीकत परख सकेगा।
प्रतापगढ़,जेएनएन। अपने देश में बेटी को देवी का सम्मान दिया जाता है। नवरात्र में उनकी पूजा की जाती है, पर इसी समाज के तमाम लोग ऐसे भी हैं जो कन्या को जन्म ही नहीं लेने दे रहे। ऐसे लोग कन्या भ्रूण हत्या कर रहे हैं व करवा रहे हैं। लोगों पर अंकुश लगाने को नए प्लान से स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में है। शासन द्वारा पूर्व में बनाई गई मुखबिर योजना को जिले में फिर से सक्रिय किया जाएगा। देखा जाए तो सूबे में लिंगानुपात असंतुलित है।
जिले में एक हजार लड़कों पर है 903 लड़कियों का अनुपात
एक हजार लड़कों पर 903 लड़कियों का अनुपात है। यह चिंता की बात है। ऐसे में यह योजना इस अनुपात को संतुलित करने में सहायक होगी। इसमें स्वास्थकर्मी व पब्लिक का कोई व्यक्ति अपनी पहचान छिपाकर अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर भ्रूण जांच की हकीकत परख सकेगा। इस योजना को वैसे तो सरकार ने दो साल पहले बनाया था, अभी तक इस पर ठीक से काम शुरू नहीं हो सका था। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षा एवं स्वास्थ्य प्रदान करना है। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए इस योजना के तहत निजी अस्पताल, अल्ट्रासाउंड सेंटरों में चोरी-छिपे नजर रखी जाएगी, ताकि प्रसव से पहले लिंग की जांच व कन्या भ्रूण होने पर उसका समापन रोका जा सके। पकड़े जाने पर निजी अस्पताल संचालक व अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक पर कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ ने सीएचसी प्रभारियों और अफसरों को लिखा पत्र
सीएमओ की ओर से जिले के सभी सीएचसी प्रभारियों व अफसरों को पत्र लिखकर इस योजना को अमल में लाने को कहा गया है। इस योजना के तहत मुखबिरों को तैयार किया जाएगा। गर्भवती महिला के साथ एक सहायक को ग्राहक बनाकर भेजा जाएगा तथा जो लिंग की जांच करेंगे। वहीं से पुलिस को मैसेज करके दोषियों को गिरफ्तार कराया जाएगा। मिशन सफल होने पर संबंधित को स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाएगा। सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि मुखबिर बने व्यक्ति 60 हजार रुपये दिए जाएंगे। ग्राहक को एक लाख और उसके सहायक को 40 हजार का पुरस्कार मिलेगा।