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उप्र लोकसेवा आयोग में गलतियों की हैट्रिक, पीसीएस परीक्षा में प्रश्नों के जवाब फिर गलत

उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था उप्र लोकसेवा आयोग ने गलत सवालों का उत्तर देने की हैट्रिक लगा दी है। हाईकोर्ट ने परीक्षा परिणाम बदलने का आदेश दिया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 30 Mar 2018 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 11:19 AM (IST)
उप्र लोकसेवा आयोग में गलतियों की हैट्रिक, पीसीएस परीक्षा में प्रश्नों के जवाब फिर गलत
उप्र लोकसेवा आयोग में गलतियों की हैट्रिक, पीसीएस परीक्षा में प्रश्नों के जवाब फिर गलत

इलाहाबाद (धर्मेश अवस्थी)। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था उप्र लोकसेवा आयोग ने गलत सवालों का उत्तर देने की हैट्रिक लगा दी है। आयोग ने यह गड़बडिय़ां किसी दोयम दर्जे की परीक्षा में नहीं की हैं, बल्कि प्रांतीय सेवा की अहम पीसीएस जैसी परीक्षा पर लगातार सवाल उठे हैं। हजारों अभ्यर्थियों को आयोग से न्याय नहीं मिला तो हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर परीक्षा परिणाम रद करने व बदलने का आदेश दिया है। 

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आयोग की पीसीएस 2015 परीक्षा 527 पदों के लिए हुई। इसकी प्रारंभिक परीक्षा के 13 प्रश्नों के जवाब को अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। याचिका का अब तक निस्तारण नहीं हुआ है, वहीं आयोग मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार कराकर अंतिम चयन सूची भी जारी कर चुका है। इसी तरह से 2016 की पीसीएस परीक्षा 654 पदों के लिए हुई, इसके नौ सवालों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। यह प्रकरण कोर्ट में लंबित था, उसी बीच आयोग ने मुख्य परीक्षा भी अभ्यर्थियों के विरोध को दरकिनार करके करा दी। मेंस परीक्षा के बाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता व एमके गुप्ता की खंडपीठ ने प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम रद कर दिया। चार सवालों का उत्तर बदलने और एक प्रश्न को रद करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, अब तक मेंस का परिणाम जारी नहीं हो सका है। ऐसे ही पीसीएस 2017 की परीक्षा 777 पदों के लिए कराई गई। इसकी मुख्य परीक्षा 17 मई को प्रस्तावित है। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा का एक सवाल रद कर दिया है और दो सवालों का उत्तर बदलने का आदेश दिया है। लगातार पीसीएस की तीन प्रारंभिक परीक्षाएं सवालों के गलत जवाब से सवालों के घेरे में हैं। 

2015 में पेपर लीक, उत्तरकुंजी आई

आयोग की पीसीएस 2015 की प्रारंभिक परीक्षा के बाद से ही उत्तरकुंजी जारी करने की शुरुआत हुई है। इसके पहले आयोग उत्तरकुंजी जारी करता था। अभ्यर्थियों को आयोग का एक प्रस्ताव हाथ लगा जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई। इस पर कई पर मुकदमे दर्ज हुए, बाद में आयोग को उत्तर कुंजी भी जारी करनी पड़ी। 2015 प्री परीक्षा में पेपर लीक की घटना भी हुई थी। कई दिन तक हंगामा और प्रदर्शन हुआ। 

सुहासिनी का प्रकरण उछला, सीबीआइ गंभीर 

2015 पीसीएस में ही मेंस की उत्तर पुस्तिका बदलने पर सुहासिनी बाजपेई का प्रकरण उछला था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयोग की जांच का वादा किया था। अब सीबीआइ इसी परीक्षा पर केंद्रित होकर तेजी से पड़ताल कर रही है। मेंस की कॉपियां सीज की गई हैं और उनका नए सिरे से मूल्यांकन कराने की तैयारी है।


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