Handia Mati Kathak Festival: प्रयागराज में कथक कलाकारों ने दिखाई प्रतिभा, पेश की शानदार प्रस्तुतियां
Handia Mati Kathak Festival श्रेया आद्या ने छोटी सी उम्र मे ही अनेकों पुरस्कारों को प्राप्त किया है। उन्होंने कार्यक्रमों में अपने सफल नृत्य प्रस्तुति की है। वह उर्मिला शर्मा की शिष्या हैं। उन्होंने गुरु वंदना की प्रस्तुति की। फिर पारम्परिक तोड़े आदि की भावपूर्ण प्रस्तुति की।
प्रयागराज, जेएनएन। हंडिया माटी अंतर्राष्ट्रीय कथक महोत्सव में इन दिनों प्रयागराज में कथक के विविध आयामों की प्रस्तुति कलाकार कर रहे हैं। महोत्सव के तीसरे और अंतिम सत्र में भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति की गई। शुरुआत में पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज की माता स्वर्गीय महादेवी को नमन किया गया। इसके बाद मुंबई की जयंती माला ने कथक नृत्य और गणेश वंदना की प्रस्तुति की। उन्होंने पारंपरिक तोड़े, टुकड़े, आमद की जुगलबंदी तबले की थाप पर की।
शिव स्तुति पर मधुमिता राय ने दिखाई कला
महोत्सव की दूसरी प्रस्तुति कोलकाता की मधुमिता राय की रही। उन्होंने शिव स्तुति से नृत्य की शुरुआत की। उसके बाद खूबसूरत गतें वह पारंपरिक बंदिशें भी उन्होंने प्रस्तुति की। दर्शकों ने ताली बजाकर उनका उत्सावर्द्धन किया। तीसरी प्रस्तुति कुमारी श्रेया आद्या की रही। उन्होंने छोटी सी उम्र मे ही अनेक पुरस्कार प्राप्त किया है। सम्मानीय कार्यक्रमों में अपने नृत्य की प्रस्तुति की है। वह उर्मिला शर्मा की शिष्या हैं। उन्होंने गुरु वंदना की प्रस्तुति की। फिर पारम्परिक तोड़े, टुकड़े, परन, तिहाई तथा ठुमरी में खंडित नायिका का भाव 'काहे को मेरे घर आए हो' की भावपूर्ण प्रस्तुति की।
उर्मिला शर्मा की शिष्या पूजा चौधरी की आकर्षक प्रस्तुति
चौथी और अंतिम नृत्य प्रस्तुति डॉ. पूजा चौधरी की थी। उन्होंने उर्मिला शर्मा से कथक नृत्य की शिक्षा प्रयागराज कथक केंद्र से प्राप्त की। उन्होंने बीएचयू से पीएचडी की। डॉ. पूजा चौधरी प्रयागराज की पहली कथक नृत्यांगना हैं, जिन्होंने नृत्य में पीएचडी किया है। समारोह में धन्यवाद ज्ञापन निदेशक कथक केंद्र उर्मिला शर्मा द्वारा किया गया। मंच संचालन अदिति स्वरूप ने किया।