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Prayagraj के बारा में बिना एनओसी चल रहे आधा दर्जन क्रशर प्लांट, सरकारी राजस्व को रोज करोड़ों की चपत

जनपद में बारा क्षेत्र के परवेजाबाद एवं छीड़ी की पहाड़ियों पर भारी पैमाने पर पत्थर का अवैध खनन हो रहा है। क्षेत्र मेें लगभग आधा दर्जन क्रशर प्लांट बिना एनओसी के ही संचालित किए जा रहे हैैं। यही नहीं ओवरलोडिंग भी हो रही है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 04:46 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 04:46 PM (IST)
Prayagraj के  बारा में बिना एनओसी चल रहे आधा दर्जन क्रशर प्लांट, सरकारी राजस्व को रोज करोड़ों की चपत
सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। जनपद में बारा क्षेत्र के परवेजाबाद एवं छीड़ी की पहाड़ियों पर भारी पैमाने पर पत्थर का अवैध खनन हो रहा है। क्षेत्र मेें लगभग आधा दर्जन क्रशर प्लांट बिना एनओसी के ही संचालित किए जा रहे हैैं। यही नहीं ओवरलोडिंग भी हो रही है। इससे सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है।  

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बिना एनओसी और परमिशन चल रहा अवैध खनन

बारा क्षेत्र का अधिकांश भूभाग पहाड़ी है। यहां पर सिलिका सैैंड सहित गिट्टी पत्थर का कारोबार होता है। क्षेत्र के परवेजाबाद, छीड़ी, छतहरा, प्रतापपुर, असवा की पहाडिय़ों पर सिलिका सैैंड तथा गिट्टी का अवैध खनन भारी पैमाने पर खनन माफिया द्वारा कराया जा रहा है। छीड़ी पहाड़ पर मात्र एक गिट्टी-पत्थर का खनन पट्टा स्वीकृत किया गया है, जो समाजवादी सरकार में हुआ था। तब सरकार की अवैध खनन के मामले में काफी किरकिरी भी हुई थी। इस मामले में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति तथा कई अधिकारियों की जांच भी चल रही है। यहां मात्र एक खनन पट्टा है और खनन प्रतिदिन सैकड़ों ट्रकों में लाखों मीट्रिक टन गिट्टी बाहर भेजी जाती है। क्षेत्र में आधा दर्जन क्रशर प्लांट संचालित किए जा रहे हैं। वह भी न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से और न ही वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए चला रहे हैैं। भूजल विभाग की ओर से भी एनओसी नहीं ली गई है।

रात में होता है परिवहन

बताते हैैं कि शाम होते ही यहां पत्थर और गिट्टी ट्रकों पर लोड किए जाते हैैं जो रात में रवाना किए जाते हैैं। यही नहीं खनन माफिया बिना परमिट और बिना रवन्ना के घूरपुर रोड की तरफ से आसानी से ट्रकों पर गिट्टी और पत्थर लादकर निकल जाते हैं। आगे ट्रकों की कतार और पीछे खनन माफिया की लग्जरी कारें चलती हैैं। यह सिलसिला रोज रात में चलता है। इसी तरह सिलिका सैैंड की रायल्टी महंगी है। इसका भी अवैध खनन किया जाता है और रात में ट्रकों से भेजा जाता है। खनन माफिया रात के अंधेरे में अपने ट्रैक्टरों में लोड करके वाशिंग प्लांट पर सिलिका सैैंड गिरा लेते हैं जिससे सरकार को इससे भी भारी पैमाने पर नुकसान हो रहा है। इसी तरह इलाके में मोरंग का भी अवैध खनन कराया जा रहा है। इसमें इलाके की पुलिस लाखों रुपये वसूली करती है।

शिकायतों पर ध्यान नहीं देते अधिकारी

अवैध खनन के संबंध में कई ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की है मगर कार्रवाई के नाम पर अधिकारी कभी-कभार एक-दो ट्रकों को पकड़ते हैैं। एक व्यक्ति ने पिछले दिनों फोन पर खनिकर्म निदेशक से अवैध खनन की शिकायत की। निदेशक ने जिला खनन अधिकारी को निर्देश दिया मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।


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