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रास नहीं आ रही गुरुजी को मोहल्ला पाठशाला

महामारी के दौर में पढ़ाई आनलाइन चल रही है। शासन ने परिषदीय विद्यालयों के संसाधन विहीन विद्यार्थियों के लिए मोहल्ला पाठशाला शुरू करने का निर्देश दिया है। शिक्षकों का कहना है कि यह पाठशाला शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित नहीं है। विद्यालय में ही उपलब्ध स्थान के अनुसार विद्यार्थियों को बुलाकर पढ़ाने का निर्देश मिलना चाहिए। खासकर महिला शिक्षकों के लिए मोहल्ला पाठशाला असुरक्षित है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 07:47 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 07:47 PM (IST)
रास नहीं आ रही गुरुजी को मोहल्ला पाठशाला
रास नहीं आ रही गुरुजी को मोहल्ला पाठशाला

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : महामारी के दौर में पढ़ाई आनलाइन चल रही है। शासन ने परिषदीय विद्यालयों के संसाधन विहीन विद्यार्थियों के लिए मोहल्ला पाठशाला शुरू करने का निर्देश दिया है। शिक्षकों का कहना है कि यह पाठशाला शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित नहीं है। विद्यालय में ही उपलब्ध स्थान के अनुसार विद्यार्थियों को बुलाकर पढ़ाने का निर्देश मिलना चाहिए। खासकर महिला शिक्षकों के लिए मोहल्ला पाठशाला असुरक्षित है।

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उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला संयोजक ब्रजेंद्र सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को किसी सार्वजनिक स्थान पर एकत्र करने की जगह विद्यालय में बुलाएं। कक्षावार सप्ताह में एक-एक दिन दूर-दूर बैठाकर पढ़ाएं तो बेहतर होगा। इससे संक्रमण के खतरे को भी कर सकेंगे और छात्र-छात्राओं को स्कूल का वातावरण भी मिलेगा। इसी क्रम में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि मोहल्ला पाठशाला में प्रेरणा साथियों को लगाया जाना चाहिए। नियमित शिक्षकों को विद्यालय में ही रोस्टर के अनुसार बच्चों को बुलाने की अनुमति दी जाए तो बेहतर नतीजे मिलेंगे। अभिभावकों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। उधर, उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की प्रयागराज कार्यकारिणी ने भी एडी बेसिक से मिलकर मोहल्ला पाठशाला में महिला शिक्षकों को गांव या मोहल्लों में भेजकर कक्षाएं लेने की जगह विद्यालय में ही कोविड प्रोटोकाल के अनुसार पढ़ाने का आग्रह किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूनम गुप्ता ने कहा कि शिक्षक यदि शहर से गांव या गांव से शहर में जाकर किसी सार्वजनिक स्थान पर क्लास लेते हैं तो संक्रमण का खतरा बना रहेगा। सामाजिक दृष्टि से भी वह बहुत सुरक्षित नहीं है। विद्यालय में निर्धारित संख्या में कक्षावार बच्चों को बुलाकर पढ़ाई कराई जा सकती है।


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