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प्रयागराज कुंभ में एक और विश्व रिकार्ड : हस्तलिपि चित्रकारी में 4675 लोगों की हाथ के छाप

प्रयागराज में एक साथ पांच सौ से ज्यादा शटल बसों के संचालन का विश्व रिकॉर्ड बना था। आज संगम पर एक साथ 10 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी स्वच्छता अभियान चलाकर रिकार्ड बनाएंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 12:28 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 12:30 PM (IST)
प्रयागराज कुंभ में एक और विश्व रिकार्ड : हस्तलिपि चित्रकारी में 4675 लोगों की हाथ के छाप
प्रयागराज कुंभ में एक और विश्व रिकार्ड : हस्तलिपि चित्रकारी में 4675 लोगों की हाथ के छाप

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज कुंभ में रिकार्ड बनने का सिलसिला जारी है। दिव्य और भव्य कुंभ के दौरान कल एक और विश्व कीर्तिमान बना। हस्तलिपि चित्रकारी में सात हजार से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया और प्रयागराज कुंभ का नाम गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज करा दिया।

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प्रयागराज में एक दिन पहले कल एक साथ पांच सौ से ज्यादा शटल बसों के संचालन का विश्व रिकॉर्ड बना था। आज संगम पर एक साथ 10 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी स्वच्छता अभियान चलाकर रिकार्ड बनाएंगे।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण की तरफ से भव्य एवं दिव्य कुंभ के क्रम में कई काम कराए गए थे। पेंट माई सिटी अभियान के शहर की दीवारों पर चित्रकारी हुई थी। देश भर से आए चित्रकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया था। नतीजा यह है कि शहर की दीवारों का स्वरूप आकर्षण बन चला है। लगभग 20 लाख वर्ग फीट दीवार पर चित्रकारी की गई। सरकारी इमारतों, पुलों, चौराहों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों आदि की दीवारों पर चित्रकारी इस बार कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए मनमोहन बनी रही। लोगों ने चित्रों के साथ सेल्फी भी खूब ली।

हस्त चित्रकारी को विश्व पटल पर अंकित करने के लिए मेला क्षेत्र के गंगा पंडाल में कल कार्यक्रम आयोजित किया गया। कल सुबह दस से शाम लगभग छह बजे तक लगातार पेंटिग वॉल में विभिन्न स्कूलों के छात्र एवं छात्राओं तथा अनेक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने अपनी हाथ की छाप छोड़ी। सात हजार से ज्यादा लोगों ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

दोपहर में ही टूटा रिकॉर्ड

आयोजन को लेकर लोगों में उत्साह किस तरह था, इसका अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि दोपहर लगभग तीन बजे पुराना रिकार्ड टूट गया। उत्तर कोरिया के सिओल में रिकार्ड के लिए 4675 लोगों ने चित्रकारी की थी। कार्यक्रम की पूरी मॉनिटरिंग गिनीज बुक रिकार्ड के निर्णायक मंडल के प्रमुख ऋषिनाथ ने की। हस्तलिपि चित्रकारी में समाज के हर वर्ग ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। विदेशी पर्यटक, सुरक्षा बलों के जवान, स्वच्छाग्रही, आमजन, छोटे बच्चे तथा वृद्धजन भी पीछे नहीं रहे। 


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