GST Council : ...तो इस तरह ईमानदार और डिफाल्टर व्यापारियों की पहचान आसानी से हो सकेगी
GST Council जीएसटी काउंसलि ने नई व्यवस्था की है। इसके तहत समय से रिटर्न जमा करने वाले व्यापारियों को ग्रेउिंग मिलेगी। आइटीसी का लाभ आसानी से दिलाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। इससे अच्छे व डिफाल्डर व्यवसायियों की सहजता से पहचान होगी।
प्रयागराज, जेएनएन। ईमानदार और समय के पाबंद व्यापारियों के लिए खुशखबरी है। उनके लिए जीएसटी काउंसिल ने नई पहल की है। नई पहल यह है कि जो व्यापारी समय से रिटर्न जमा करेंगे, उनकी अब ग्रेडिंग की जाएगी। जल्द ही यह व्यवस्था जीएसटी पोर्टल पर लागू कर दी जाएगी। जीएसटी काउंसिल स्तर पर इसकी तैयारी भी हो रही है। ऐसा करने से अच्छे और डिफाल्टर व्यापारियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। वहीं कारोबारियों को आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ लेने में परेशानी नहीं होगी।
एक से 10 नंबर तक ग्रेडिंग तय की जाएगी
मौजूदा समय में किसी कारोबारी से व्यापारी द्वारा माल खरीदने पर उसे आइटीसी का लाभ मिलने का प्रावधान है। इसके लिए माल खरीदने और बेचने वाले व्यापारियों को रिटर्न (जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी) जमा करना जरूरी है। माल बेचने वाला रिटर्न नहीं जमा करेगा तो खरीदने वाले कारोबारी आइटीसी का लाभ नहीं पाएंगे। व्यापारियों की ओर से इस संबंध में शिकायत लगातार वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों और जीएसटी काउंसिल में की जाती रही है। इस समस्या के निराकरण के लिए व्यापारियों की ग्रेडिंग का निर्णय जीएसटी काउंसिल ने लिया है। एक से 10 नंबर तक ग्रेडिंग तय की जाएगी।
आप भी जानें इस आधार पर होगी ग्रेडिंग
- व्यापारी लगातार समय से रिटर्न जमा कर रहा है कि नहीं
- कर अपवंचन (चोरी) में कोई कार्रवाई हुई है अथवा नहीं
- कभी माल पकडा गया या नहीं
- कभी फर्म में सर्वे हुआ या नहीं।
सर्विस संबंधी पोर्टल पर 'नो योर सप्लायर' ऑप्शन होगा
व्यापारियों की ग्रेडिंग की जानकारी के लिए पंजीकृत कारोबारियों को जीएसटीएन की ओर से सर्विस संबंधी पोर्टल पर एक अलग ऑप्शन 'नो योर सप्लायर' मुहैया कराया जाएगा। इस पर क्लिक करते ही अच्छे और डिफाल्टर व्यापारियों का सारा ब्योरा सामने होगा। इससे व्यापारी डिफाल्टर कारोबारियों से माल लेने से बच सकेंगे और उन्हें आसानी से आइटीसी का लाभ मिल सकेगा।
कंप्यूटर की भाषा में यह है रेडियो बटन
वाणिज्य कर विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक सर्विस संबंधी जो भी ऑप्शन व्यापारियों को मुहैया कराए गए हैं। कंप्यूटर की भाषा में उसे रेडियो बटन कहा जाता है।