जीआरपी के हेड कांस्टेबल ने शौचालय में मारी गोली, मौत
कानुपर में तैनात प्रयागराज के मांडा थाने के चक डीहा गांव के रहने वाले जीआरपी के हेड कांस्टेबल चितामणि यादव ने सोमवार को पुलिस लाइन के शौचालय में सरकारी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जीआरपी के सिपाही आनन-फानन उन्हें लेकर एसआरएन अस्पताल गए मगर उनकी जान नहीं बचाई सकी। एस्कार्ट ड्यूटी में तैनात हेड कांस्टेबल के आत्महत्या के पीछे अभी पारिवारिक कारण पता चला है। एसपी जीआरपी ने जांच के आदेश दिए हैं।
प्रयागराज : कानुपर में तैनात प्रयागराज के मांडा थाने के चक डीहा गांव के रहने वाले जीआरपी के हेड कांस्टेबल चितामणि यादव ने सोमवार को पुलिस लाइन के शौचालय में सरकारी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जीआरपी के सिपाही आनन-फानन उन्हें लेकर एसआरएन अस्पताल गए, मगर उनकी जान नहीं बचाई सकी। एस्कार्ट ड्यूटी में तैनात हेड कांस्टेबल के आत्महत्या के पीछे अभी पारिवारिक कारण पता चला है। एसपी जीआरपी ने जांच के आदेश दिए हैं।
हेड कांस्टेबल चिंतामणि यादव अजमेर-सियालदह विशेष एक्सप्रेस से एस्कार्ट ड्यूटी में कानपुर से मुगलसराय गए थे। वहां से लौटकर अपने गांव चले गए। सोमवार सुबह वह ड्यूटी पर लौटे। लगभग साढ़े नौ बजे जीआरपी पुलिस लाइन पहुंचे। फोन पर पत्नी से बात करते हुए शौचालय गए। 9.40 बजे उन्होंने खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर जब सिपाही वहां पहुंचे तो वह खून से लथपथ मिले। उन्हें तत्काल एसआरएन भेजा गया। उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई। एसपी जीआरपी समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मामले की जांच की। उधर, परिवार के लोगों को घटना की जानकारी दी गई तो वह एसआरएन पहुंच गए। शाम को हेड कांस्टेबल का पोस्टमार्टम किया गया। एसपी जीआरपी एसएस मीणा का कहना है कि चितामणि यादव 2005 में सिपाही के पद पर पुलिस में भर्ती हुए थे। अभी कानपुर में एस्कार्ट ड्यूटी में थे। उन्होंने किन परिस्थितियों में ऐसा कदम उठाया, इसकी जांच की जा रही है। दीवार में जाकर फंसी गोली
चितामणि यादव ने अपनी पिस्टल से दो गोलियां चलाई। एक गोली सिर को पार करते हुए दीवार में जाकर फंस गई। दूसरी गोली सिर में रह गई। तीसरी गोली पिस्टल के चैंबर में थी। हेड कांस्टेबल के आत्महत्या करने के बाद पुलिस लाइन में तैनात व एस्कार्ट ड्यूटी में लगे सिपाही परेशान हो गए।