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राजभवन ने UPRTOU में कुलपति पद के लिए जारी किया विज्ञापन, जानिए कब है अंतिम तिथि Prayagraj News

प्रयागराज में स्थापित उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति विश्वविद्यालय की प्रथम परिनियमावली 2002 के परिनियम 03.02 के अधीन गठित कमेटी द्वारा अनुशंसित पैनल में से कुलाधिपति के द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। राज्यपाल कुलाधिपति की हैसियत से कुलपति के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगी।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 09:56 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 09:56 AM (IST)
राजभवन ने UPRTOU में कुलपति पद के लिए जारी किया विज्ञापन, जानिए कब है अंतिम तिथि Prayagraj News
प्रयागराज में स्‍थापित यूपीआरटीओयू में कुलपति पद के लिए विज्ञापन को राजभवन ने जारी किया है।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (UPRTOU) प्रयागराज में कुलपति पद के लिए राजभवन ने विज्ञापन जारी कर दिया है। आवेदन की अंतिम तिथि पांच फरवरी निर्धारित की गई है। कुलपति का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने के दिनांक से तीन वर्ष की अवधि के लिए होगी। अन्य शर्तें विश्वविद्यालय के अधिनियम एवं परिनियम के अनुसार होगी। शिक्षाविदों को ऑनलाइन मोड में आवेदन करने होंगे। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त होने वाले आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

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कुलपति के नाम पर कुलाधिपति लगाएंगी मुहर

प्रयागराज में स्थापित उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अधिनियम 1999 (अधिनियम संख्या 10, 1999) के अंतर्गत स्थापित है। कुलपति की नियुक्ति विश्वविद्यालय की प्रथम परिनियमावली 2002 के परिनियम 03.02 के अधीन गठित कमेटी द्वारा अनुशंसित पैनल में से कुलाधिपति के द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। ऐसे में प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल कुलाधिपति की हैसियत से कुलपति के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगी।

ठोस प्रशासनिक अनुभव होना अनिवार्य

राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव की तरफ से जारी विज्ञापन के मुताबिक कुलपति विश्वविद्यालय का प्रधान कार्यपालक और शैक्षणिक अधिकारी होता है। ऐसे में अभ्यर्थी में उच्च कोटि की क्षमता, सत्यनिष्ठा, नैतिकता एवं संस्थागत वचनबद्धता होनी चाहिए। अभ्यर्थी को विख्यात शिक्षाविद होने के साथ ठोस प्रशासनिक अनुभव भी होना चाहिए।

21 फरवरी को पूरा होगा प्रो. केएन सिंह का कार्यकाल

विश्वविद्यालय के 10वें और वर्तमान कुलपति ने 21 फरवरी 2018 को पदभार ग्रहण किया था। ऐसे में 21 फरवरी 2021 को उनका बेदाग कार्यकाल पूरा हो जाएगा। विवादों और आरोपों से दूर रहकर उन्होंने अपने कार्यकाल में विवि को शिखर पर ले जाने का कार्य किया। उन्होंने विवि में तमाम नए पाठ््यक्रमों को मंजूरी देने के साथ कई ऐतिहासिक फैसले भी लिए। कैदियों और किन्नरों को मुफ्त में पढ़ाने का निर्णय भी प्रो. सिंह के कार्यकाल में लिया गया। इसके अलावा प्रो. सिंह की सिफारिश पर राजभवन ने हाल में व्यक्तिगत डिग्री पर रोक भी लगाई थी।

ये शिक्षाविद भी संभाल चुके हैं कुलपति की कमान

27 जनवरी 1999 को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के तौर पर प्रो. एनके सांयल ने कमान संभाली थी। वह 26 अप्रैल 2002 तक पद पर बने रहे। 27 मार्च 2002 से 26 मार्च 2005 तक प्रो. डीपी सिंह ने कुलपति का दायित्व संभाला। एक अगस्त 2005 से 31 जुलाई 2007 तक प्रो. केएनएस यादव यहां के कुलपति रहे। सात अगस्त 2008 से छह अगस्त 2008 तक प्रो. नागेश्वर राव ने कुलपति की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद 10 अगस्त 2011 से 11 अक्टूबर 2013 तक प्रो. एके बख्शी और 11 अक्टूबर 2013 से 12 फरवरी 2014 तक प्रो. जेवी वैशम्पायन ने कुलपति की कुर्सी संभाली। 12 फरवरी 2014 से 13 मार्च 2014 तक प्रो. राज पाल दहिया और 13 मार्च 2014 से 17 अक्टूबर 2014 तक डॉ. पृथ्वीश नाग कुलपति रहे। 17 अक्टूबर 2014 से 21 फरवरी 2018 तक प्रो. एमपी दुबे ने कुलपति की कुर्सी संभाली थी।


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