अध्यापन में तकनीकी प्रयोग को बढ़ाने पर सरकार का हो जोर Prayagraj News
इनकम टैक्स स्लैब का दायरा बढ़ाया जाए। पांच लाख रुपये तक सकल आय पर पांच फीसद आयकर देना है। फिर अगला स्लैब सीधे 20 फीसद कर दिया गया है।
प्रयागराज,जेएनएन। आम बजट से शिक्षकों को भी बहुत उम्मीदें हैं। इन्हें पूरा भरोसा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आयकर के स्लैब को बढ़ाकर राहत देंगी। अध्यापन में तकनीकी के ज्यादा प्रयोग पर जोर देने और अन्य संसाधन बढ़ाने को अलग से बजट जारी हो। शिक्षकों की चिकित्सा सुविधा के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए। अशासकीय और राजकीय स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी का हो इस्तेमाल
भारत स्काउट एंड गाइड इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. योगेश तिवारी का कहना है कि शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। फर्नीचरों के बारे में वार्षिक समीक्षा करके बजट जारी होना चाहिए। माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापन में तकनीकी का अधिक प्रयोग पर जोर दिया जाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों के दृष्टिकोण में बदलाव होगा। मेडिकल सुविधा का प्रावधान भी बजट में किया जाना चाहिए। शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं हो।
आयकर स्लैब का बढ़ाया जाना चहिए दायरा
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि इनकम टैक्स स्लैब का दायरा बढ़ाया जाए। पांच लाख रुपये तक सकल आय पर पांच फीसद आयकर देना है। फिर अगला स्लैब सीधे 20 फीसद कर दिया गया है। जबकि अधिकतर शिक्षक और कर्मचारी 10 फीसद टैक्स के दायरे में आते हैं। सेविंग का दायरा डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख करना चाहिए जिससे शिक्षकों-कर्मियों को राहत मिले।
शिक्षा का नहीं होना चाहिए व्यवसायीकरण
आर्य कन्या इंटर कॉलेज की शिक्षिका सलोनी अग्रवाल का कहना है शिक्षक वर्ग समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह बजट में चिकित्सा सुविधा अथवा कोई ऐसे सम्माननीय लाभ का प्रावधान करे, जिससे शिक्षक होने पर फक्र हो। आयकर छूट का स्लैब बढ़ाया जाए, क्योंकि शिक्षकों का एक निर्धारित वेतन है। नई पेंशन नीति बंद करके पुरानी पेंशन की बहाली का प्रावधान होना चाहिए।
ट्रांसपोर्ट की सुविधा के लिए भी हो प्रावधान
प्राथमिक विद्यालय विशुनदास का पूरा की प्रधानाध्यापिका सरोज दुबे का कहना है कि देश के प्रगति का स्तर शिक्षा व्यवस्था पर निर्भर करता है। शिक्षा मद में बजट और बढ़ाया जाए। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा के लिए प्रावधान हो जिससे शिक्षक आराम और समय से स्कूल पहुंच सकें और बिना किसी परेशानी के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें। आयकर छूट का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए।