Industrial Plot पर मेंटिनेंस चार्ज तो सरकार ने बढ़ाया पर उद्यमियों को सुविधा नहीं मिली Prayagraj News
2000 तक औद्योगिक प्लाटों पर लीज रेंट लगता था जो बहुत कम था। इसके बाद आठ रुपये प्रति स्क्वायर मीटर की दर से मेंटिनेंस चार्ज लिया जाने लगा।पर उद्यमियों को सुविधा नहीं मिली।
प्रयागराज, जेएनएन। सरकार ने औद्योगिक प्लाट पर मेंटिनेंस चार्ज तीन गुना बढ़ा दिया है लेकिन उद्यमियों को सुविधाएं धेला भर नहीं मिल रही है। इकाइयों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण और जलनिकासी के लिए औद्योगिक क्षेत्र में अब तक कोई इंतजाम नहीं हो सका है। सड़कें पहले से बेहतर हुई हैं पर ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें बुझी होने से शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है। इससे कर्मचारियों को आने-जाने में असुविधा होती है।
इंडस्ट्री एसोसिएशन सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं
वर्ष 2000 तक औद्योगिक प्लाटों पर लीज रेंट लगता था, जो बहुत कम था। इसके बाद आठ रुपये प्रति स्क्वायर मीटर की दर से मेंटिनेंस चार्ज लिया जाने लगा। करीब तीन साल हुए सरकार ने इसे तीन गुना बढ़ाकर 24 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर कर दिया। इसका उद्यमी विरोध कर रहे हैं। इंडस्ट्री एसोसिएशन इस मामले में सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं।
उद्यमियों को मेंटिनेंस चार्ज जमा करने के लिए नोटिस दी जा रही
पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीएसआइडीए) के क्षेत्रीय कार्यालय से उद्यमियों को लाखों रुपये मेंटिनेंस चार्ज जमा करने के लिए नोटिस जारी हो रही हैं। इससे उद्यमियों में खलबली मची है। कहा जा रहा है कि जिन प्लाटों पर मेंटिनेंस चार्ज नहीं लगना चाहिए, उसके लिए भी नोटिस भेजी जा रही हैं। उद्यमी जसवीर ङ्क्षसह बिरदी को 3,21,147.35 रुपये की नोटिस भेजी गई है। इसी तरह अन्य उद्यमियों को भी लाखों की नोटिसें दी गई हैं।
बोले, नैनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष
नैनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव नैयर कहते हैं कि विभाग की ओर से तीसरी बार नोटिस जारी की गई है। पांच-सात लाख रुपये मेंटिनेंस चार्ज लगेगा तो उद्यमी कारोबार कैसे करेगा। 2000 के पहले के प्लाटों पर मेंटिनेंस चार्ज नहीं लगना चाहिए, फिर भी लगा दिया गया है। मेंटिनेंस चार्ज न जमा करने पर 18 फीसद ब्याज भी लगेगा। जबकि सुविधा कुछ नहीं दी जा रही है।
यूपीएसआइडीए क्षेत्रीय प्रबंधक ने यह कहा
यूपीएसआइडीए क्षेत्रीय प्रबंधक मयंक मंगल ने कहा कि उद्यमी मेंटिनेंस चार्ज दे ही नहीं रहे हैं। विरोध कर रहे हैं। 50 लोगों को नोटिस देने पर एक-दो लोग जमा करते हैं। मेंटिनेंस चार्ज जब नहीं देंगे तो विभाग फंड कहां से लाएगा। फिर भी नालियों की सफाई, सड़कों का काम कराया जाता है।