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Good News: प्रयागराज नगर निगम कान्हा गोशाला की क्षमता बढ़ाएगी, रख सकेंगे 2100 गोवंश

Good News गोवंशों की संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण वहां अव्यवस्थाएं हो गई हैं। इन्हीं अव्यवस्थाओं के कारण इतने ज्यादा गोवंशों की मौत की बात सामने आई। इसके मद्देनजर नगर आयुक्त ने गोशाला की क्षमता बढ़ाने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश मुख्य अभियंता को दिए हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 09:17 AM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 09:17 AM (IST)
कान्‍हा गोशाला में शेड एवं अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने में एक करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के शंकरगढ़ स्थित जनवा में कान्हा गोशाला का संचालन नगर निगम जैसे-तैसे कर रहा था। पिछले सप्ताह आठ दिनों के अंदर 96 गोवंशों की मौत का मामला सामने आने के बाद जिला और नगर निगम प्रशासन हरकत में आ गया है। अफसरों द्वारा गोशाला का निरीक्षण करके वहां की व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने की कवायद शुरू कर दी गई हैं। गोशाला में करीब एक हजार गोवंशों के और रहने का इंतजाम सुनिश्चित कराने का निर्णय लिया गया है।

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गोशाला में क्षमता से अधिक हैं गोवंश

कान्हा गोशाला की क्षमता करीब 1100 गोवंशों के रहने की है। इसके लिए 11 शेड बनाए गए हैं। 10 शेड में गोवंश रहते हैं। एक शेड में चारा, चूनी, चोकर रखा जाता है। प्रत्येक शेड की क्षमता 100 गोवंशों की बताई जाती है। हालांकि मौजूदा समय में वहां करीब डेढ़ हजार गोवंश हैं। गोवंशों की संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण वहां अव्यवस्थाएं हो गई हैं। इन्हीं अव्यवस्थाओं के कारण इतने ज्यादा गोवंशों की मौत की बात सामने आई। इसके मद्देनजर नगर आयुक्त रवि रंजन ने गोशाला की क्षमता बढ़ाने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश मुख्य अभियंता को दिए हैं।

जानें, क्या होंगे इंतजाम

एक हजार गोवंशों के रहने के लिए 10 शेड और बनवाने की जरूरत होगी। इस काम में करीब एक करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए बजट का प्रावधान निगम मद से किया गया है। प्रत्येक शेड में चरही, बिजली, पानी और पंखे की व्यवस्था होगी। बता दें कि पहली बार कान्हा गोशाला के निर्माण में लगभग आठ करोड़ रुपये खर्च हुए थे।

मुख्‍य अभियंता बोले- एक करोड़ रुपये खर्च होंगे

मुख्‍य अभियंता सतीश कुमार कहते हैं कि शेड निर्माण के लिए एक बार टेंडर किया गया मगर, उसमें एक ही एजेंसी आई। इसी सप्ताह दोबारा टेंडर किया जाएगा। एजेंसी चयन होने के बाद उससे करार करके काम शुरू कराया जाएगा। इसमें करीब एक करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।


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