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Good News: प्रयागराज में छह स्‍थानों पर विद्युत शवदाह गृह बनेगा, निर्माण को आगे आईं तीन एजेंसियां

Good News प्रयागराज में शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के कंहईपुर झूंसी में छतनाग घाट फाफामऊ करैलाबाग नैनी में अरैल और महेवा घाट पर विद्युत शवदाह गृहों का निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए निगम की ओर से आनलाइन टेंडर भी निकाला जा चुका था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 09:37 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 09:37 AM (IST)
Good News: प्रयागराज में छह स्‍थानों पर विद्युत शवदाह गृह बनेगा, निर्माण को आगे आईं तीन एजेंसियां
प्रयागराज के छह स्‍थानों पर 18 करोड़ खर्च रुपये की लागत से विद्युत शवदाह गृह बनाया जाएगा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज शहर के लिए अच्‍छी खबर है। यहां के घाटों पर छह स्‍थानों पर विद्युत शवदाह गृह बनेंगे। इन प्रस्तावित छह विद्युत शवदाह गृहों के निर्माण के लिए तीन एजेंसियां भी अब आगे आई हैं। अब नगर निगम की टेंडर कमेटी द्वारा इन एजेंसियों की तकनीकी और वित्तीय क्षमताओं का आकलन किया जाएगा। मानकों पर खरा उतरने वाली एजेंसी को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

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शहर के इन स्‍थानों पर बनेगा विद्युत शवदाह गृह

शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के कंहईपुर, झूंसी में छतनाग घाट, फाफामऊ, करैलाबाग, नैनी में अरैल और महेवा घाट पर विद्युत शवदाह गृहों का निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए निगम की ओर से आनलाइन टेंडर भी निकाला जा चुका था। हालांकि करैलाबाग में जमीन फाइनल नहीं हो सकी। इसलिए विद्युत शवदाह गृह का निर्माण नहीं होगा। अब वहां के बजाय मीरापुर क्षेत्र के ककरहा घाट पर विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कराने पर मंथन चल रहा है। वहां जगह उपलब्ध होने पर निर्माण कराया जा सकता है।

शवदाह गृह बनने में 18 करोड़ रुपये आएगी लागत

विद्युत शवदाह गृहों को बनाने के लिए चयन की जाने वाली आनलाइन टेंडर की आखिरी तिथि सात सितंबर तय थी। मंगलवार को टेंडर खुला तो तीन एजेंसियां शामिल हुई हैं। कोलकाता, राजस्थान व प्रयागराज की एक-एक एजेंसियां बताई जा रही हैं। विद्युत शवदाह गृहों के निर्माण पर करीब 18 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए निगम निधि से बजट का प्रविधान किया गया है। छह विद्युत शवदाह गृहों के निर्माण से संख्या बढ़कर आठ हो जाएगी। बता दें कि पिछले दिनों आई बाढ़ के दौरान श्मशान घाटों के पानी में डूब जाने से दोनों विद्युत शवदाह गृहों पर दबाव बहुत बढ़ गया था।


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