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संकटमोचन से कोरोना संकट हरने की हुई कामना, Prayagraj में श्रद्धा से मनाया गया हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव

रामबाग स्थित हनुमान मंदिर में विधि-विधान से पूजन व सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। हनुमत निकेतन मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचे। हनुमान चालीसा का पाठ करके भक्तों ने आर्थिक शारीरिक व मानसिक कष्टों से मुक्ति की कामना की।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 10:24 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 10:24 PM (IST)
संकटमोचन से कोरोना संकट हरने की हुई कामना, Prayagraj में श्रद्धा से मनाया गया हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव
सामूहिक सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा व बजरंग बाण का पाठ दिनभर चलता रहा।

प्रयागराज, जेएनएन। चैत्रशुक्ल की पूर्णिमा तिथि पर मंगलवार को प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त संकटमोचन महावीर हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव श्रद्धा से मनाया गया। मंदिरों में मंत्रोच्चार के बीच हनुमान जी की प्रतिमा का अभिषेक, पूजन व श्रृंगार हुआ। भक्तिपूर्ण माहौल में सनातन धर्मावलंबियों ने संयम व अनुशासन के साथ हनुमान जी की स्तुति करके मनोवांछित फल की प्राप्ति के साथ कोरोना संक्रमण का संकट जल्द खत्म करने की कामना किया।  बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर में भव्य श्रृंगार करके आरती उतारी गई। भक्तों ने हनुमान जी की प्रतिमा में देशी घी मिश्रित सिंदूर, पुष्प व लाल ध्वज अर्पित किया। मंदिर परिसर में सामूहिक सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा व बजरंग बाण का पाठ दिनभर चलता रहा।

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हनुमान चालीसा का पाठ कर भक्तों ने उतारा आरती

वहीं, रामबाग स्थित हनुमान मंदिर में विधि-विधान से पूजन व सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। हनुमत निकेतन मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचे। हनुमान चालीसा का पाठ करके भक्तों ने आर्थिक, शारीरिक व मानसिक कष्टों से मुक्ति की कामना की। मां ललिता देवी मंदिर स्थित श्रीराम दरबार में श्रीराम, सीता, लक्ष्मण व हनुमान जी का विधिवत पूजन किया गया। राजा पंडित के आचार्यत्व में मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा व महामंत्री धीरज नागर सहित हर पदाधिकारी ने पूजन में हिस्सा लिया। इसके अलावा संकटमोचन मंदिर, दक्षिणेश्वर हनुमान जी, श्रीराम जानकी मंदिर आदि मंदिरों में विधि-विधान से पूजन-अर्चन हुआ।

भगवान की स्तुति का मास आरंभ

भगवान श्रीहरि विष्णु की स्तुति का मास वैशाख आरंभ हो गया। मास पर्यंत गंगा, यमुना अथवा किसी पवित्र नदी में स्नान करके घट, सत्तू, फल, वस्त्र, छाता का दान करना पुण्यकारी माना गया है। इस मास में भगवान विष्णु के नाम का प्रतिदिन जप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।


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