गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में गुप्त कैमरा : गंदी रिकार्डिंग के डर से सहमी छात्राएं
तेलियरगंज के गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में गुप्त कैमरा ने छात्राआें को हिलाकर रख दिया है। वह इस बात से सहमी हैं कि कहीं गंदी रिकार्डिंग न कर ली गई हो। पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही।
प्रयागराज, जेएनएन। तेलियरगंज के गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में गुप्त कैमरा लगा होने की खबर से पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया। हॉस्टल में रहने वाली प्रतियोगी छात्राओं के तो होश उड़े रहे। डरी, सहमी लड़कियां हिडेन कैमरे की गंदी रिकार्डिंग को लेकर दहशतजदा दिखीं। कइयों की आंखों में आंसू तक आ गए। सोशल मीडिया पर ऐसी चीजें वायरल होने की बातों को लेकर छात्राओं का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा था। कई छात्राओ ने तो एक दो दिन में हॉस्टल छोडऩे की तैयारी कर ली।
पुलिस की भूमिका संदिग्ध, सुबह से रात तक लटकाए रही मामला
इतने गंभीर मामले में शिवकुटी थाने की पुलिस की भूमिका बहुत ही खराब नजर आई। सुबह दस बजे से हॉस्टल में हंगामा मचा रहा, लेकिन पुलिस रात दस बजे तक एक दूसरे की बातें ही सुनती रही। शिवकुटी थाने के दारोगा और सिपाही तो हॉस्टल वालों की तरफदारी करते नजर आए। इससे वहां पहुंचे छात्रों में गुस्सा था। मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर छात्र-छात्राओं का आक्रोश फूट पड़ा।
स्क्रीन पर चार कैमरों की रिकार्डिंग दिख रही थी
मीडिया कर्मियों ने एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने जानकारी होने से इन्कार किया। हालांकि तुरंत ही एक्सपर्ट की एक टीम मौके पर भेजा। हॉस्टल में रहने वाली लड़कियां आसपास के जिलों से आईं हैं। लड़कियों का कहना है कि हॉस्टल के भीतर मर्दों की आवाजाही का वह पहले भी विरोध करती रही हैं। हॉस्टल मालिक ने तीन कैमरे लगे होने की बात कही। लड़कियों को बताया गया था कि लॉबी में कैमरा नहीं लगा लेकिन स्क्रीन पर चार कैमरों की रिकार्डिंग दिख रही थी।
नहीं है हॉस्टल का रजिस्ट्रेशन
जिस हॉस्टल में गुप्त कैमरों को लेकर बवाल हुआ उसका रजिस्ट्रेशन तक नहीं है। हॉस्टल बिना लाइसेंस लिए ही चलाया जा रहा था। इसे लेकर भी मुहल्ले वालों में आक्रोश है। हॉस्टल मालिक यह सफाई देता रहा कि अभी छह माह पहले ही हॉस्टल खुला है। प्रक्रिया चल रही है। पुलिस अधिकारी भी इस मुद्दे पर खामोश रहे।
मोबाइल की जांच में संदिग्ध रहा मामला
शक होने पर छात्राओं ने अपने मोबाइल के जरिए हिडेन कैमरे की जांच शुरू की। एप डाउनलोड कर बाथरूम और लॉबी की जांच की गई तो मोबाइल नब्बे प्रतिशत कैमरा लगा होने की बात वेरीफाई करता रहा।
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