वाट्सएप ग्रुप Prayagraj Covid Leads बना मरीजों का मददगार, ग्रुप से जुड़ीं 14 युवतियाें का जिंदगी बचाने में अहम रोल
प्रियांशी शिवानी व नम्रता और उनके जैसी ही अन्य बेटियों के जरिए कोरोना की दूसरी लहर में दवा इलाज और सांस के लिए संघर्ष कर रहे कुछ संक्रमितों ने जिंदगी की जंग जीत ली है। अवसाद के इन क्षणों में इन बेटियों के परोपकार की सफल कहानी प्रेरणादायक है।
प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौर में वाट्सएप पर एक ग्रुप संचालित है, नाम है प्रयागराज कोविड लेड्स। इस ग्रुप में अलग-अलग शहरों में रहने वाले 256 छात्र-छात्राएं जुड़े हैं। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर वह से जरूरतमंद की गुहार जैसे ही इस ग्रुप पर साझा करते हैं, यह बेटियां मदद के लिए जुट जाती हैैं। संबंधित अधिकारी से संपर्क करती हैैं। कई बार असफलता भी हाथ लगती है लेकिन हौसले नहीं टूटते। ग्रुप के संचालक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरा छात्र अंकित द्विवेदी हैैं। वह कहते हैैं कि हमारी टीम केवल प्रयास करती है। अफसरों और दानदाताओं से सीधा संवाद कर मरीजों के बारे में सही सूचना दी जाती है।
इनकी बदौलत कुछ संक्रमित मरीजों ने जिंदगी की जीत ली है जंग
प्रियांशी, शिवानी व नम्रता और उनके जैसी ही अन्य बेटियों के जरिए कोरोना की दूसरी लहर में दवा, इलाज और सांस के लिए संघर्ष कर रहे कुछ संक्रमितों ने जिंदगी की जंग जीत ली है। अवसाद के इन क्षणों में इन बेटियों के परोपकार की सफल कहानी प्रेरणादायक है। देश की 14 बेटियां सूचना क्रांति की तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर जरूरतमंदों को न केवल रेमडेसिविर इंजेक्शन, अस्पतालों में बेड बल्कि ऑक्सीजन तक मुहैया कराने के प्रयास में लगी हैैं।
टीम में शामिल हैं यह 14 बेटियां
प्रियांशी श्रीवास्तव (प्रयागराज) प्रिया गिरि (दारागंज प्रयागराज) मोना सिंह (अहमदाबाद), नम्रता सिंह (चितईपुर वाराणसी) साक्षी श्रीवास्तव (कालिंदीपुरम प्रयागराज) रूबी (गाजीपुर), इति शिवहरे (औरैया) मनु वैशाली (शिवपुरी-मप्र) आकृति विज्ञा (गोरखपुर) ,चेतना शर्मा (जयपुर), शिवानी सिंह (हनुमानगंज प्रयागराज), सौम्या श्रीवास्तव (मुट्ठीगंज प्रयागराज), मोनिका (इविवि) और प्रतीक्षा (जगत तारन गल्र्स कॉलेज प्रयागराज)। मोना को छोड़ अन्य बेटियों का रिश्ता या तो पूर्व में इविवि से रहा है अथवा अभी है।
यहां हम आपके समक्ष कुछ उदाहरण पेश कर रहे हैं
केस-1
पटना के आइजीआइएमएस हॉस्पिटल में भर्ती 48 वर्षीय सुनीता देवी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत थी। बेटे सूरज भान ने फेसबुक पर मदद मांगी। प्रियांशी की पहल पर पटना के सुफल शर्मा आगे आए। इंजेक्शन दिलवाया। अब सुनीता घर आ गई हैं।
केस-2
बिहार के गया निवासी प्राची शर्मा परिवार समेत कोरोना संक्रमित हो गईं। उनकी दादी को होम वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी। शिवानी की कोशिश पर गया के कृति शर्मा व शिवम झा आगे आए। प्राची की दादी के लिए होम वेंटीलेटर सेटअप कराया।
केस -3
कोरोना संक्रमित जबलपुर के शकुन मिश्र को ओ पॉजिटिव प्लाज्मा की आवश्यकता थी। नम्रता ने ऋतिक राज केशरी से बात की। बंसल ब्लड बैंक से प्लाज्मा डोनेट कराया गया। शकुन ठीक होकर घर पहुंच गए हैं और नम्रता, ऋतिक को धन्यवाद दे रही हैैं।