Millennium Star : अमिताभ बच्चन के जेहन में प्रयागराज जीवंत होने से गदगद हैं गिरधर नागर Prayagraj News
मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन का बचपन प्रयागराज में बीता था। वह जब आठ साल के थे तो पेन और स्टेशनरी खरीदने सिविल लाइंस स्थित युनिवर्सल बुक डिपो में आते थे।
प्रयागराज, जेएनएन। कला के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने और देश, दुनिया में प्रसिद्धि पाने के बाद भी अगर अमिताभ बच्चन के जेहन में प्रयागराज जीवंत है तो इसकी बड़ी वजह है। यहीं उनका जन्म हुआ और पढ़ाई के दौरान स्टेशनरी लेने तथा बाल की कटिंग कराने के लिए सिविल लाइंस में पैलेस टाकीज के पास वह जाया करते थे। नागर पेन वाले और युनिवर्सल बुक डिपो इसके गवाह हैं।
केबीसी प्रसारण के दौरान अमिताभ ने नागर की दुकान का जिक्र किया था
जब अमिताभ बच्चन महज आठ साल के थे तब अपने पिता हरिवंश राय बच्चन के साथ ऑस्टिन कार से सिविल लाइंस जाया करते थे। नागर पेन वाले और कभी-कभी युनिवर्सल बुक डिपो से स्टेशनरी खरीदते थे। दुकान संचालक गिरधर दास नागर बताते हैं कि दुकान पर तब उनके पिता स्व. मुकुंद दास नागर बैठते थे। 11 अक्टूबर 2018 को केबीसी प्रसारण के दौरान अमिताभ ने उनकी दुकान का जिक्र किया था। इससे पहले केबीसी की एक टीम दुकान पर आई थी और एक घंटे तक कवरेज किया था। बताया कि चुनाव लडऩे के दौरान जब अमिताभ बच्चन शहर आए थे तो रवि बधावन के साथ कार से एमजी मार्ग पर गुजरते हुए उन्होंने इशारा करके दिखाया था कि यहीं से स्टेशनरी लेने आते थे।
नागर बोले, इतना प्रचार तो करोड़ों खर्च कर भी नहीं मिलता
गिरधर नागर कहते हैं कि उनकी दुकान का नाम लेकर प्रयागराज की एक छात्रा ने अमिताभ बच्चन से मिलने की गुजारिश की तो उन्होंने फौरन बुला लिया। इसी तरह गिरधर नागर के भतीजे राकेश नागर ने एक बार मुंबई में उनसे मिलने के लिए केवल एक पर्ची भेजवाई तो अमिताभ बच्चन ने तुरंत बुला लिया। इस सम्मान से गदगद गिरधर नागर कहते हैं कि उन्हें और उनकी दुकान का जितना प्रचार अमिताभ बच्चन ने अपने मुख से किया उतना तो उन्हें करोड़ों रुपये खर्च करके भी नहीं मिल पाता। बताया कि टाकीज के बगल में ही लड्डन मियां के सैलून में वह बाल कटवाने आते थे। अब वह दुकान नहीं रही।