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Coronavirus effect : 'गेट ऑल एप' है तो अब घर-घर पहुंचेगा सामान Prayagraj News

इस एप से बुकिंग करने के एक घंटे के भीतर मार्केट से सस्ती कीमत में उपभोक्ता के पास सामान पहुंच जाएगा। संस्‍थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी 15 जुलाई को संस्थान में ही करेंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 01:47 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 01:47 PM (IST)
Coronavirus effect : 'गेट ऑल एप' है तो अब घर-घर पहुंचेगा सामान Prayagraj News
Coronavirus effect : 'गेट ऑल एप' है तो अब घर-घर पहुंचेगा सामान Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  कोरोना के बढ़ते प्रकोप में शहरियोंं को रोजमर्रा के सामान खरीदने के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) ने 'गेट ऑल एपÓ तैयार किया है। इस एप की मदद से आपको बार- बार बाजार जाने की मुसीबत से निजात मिल जाएगी। साथ ही मार्केट से सस्‍ते दर पर सामान भी मिल जाएगा।

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एक घंटे में घर पहुंचेगा सामान

इस एप से बुकिंग करने के एक घंटे के भीतर मार्केट से सस्ती कीमत में उपभोक्ता के पास सामान पहुंच जाएगा। बीटेक तृतीय वर्ष के बायोटेक इंजीनिंयरिंग ब्रांच के सोनू गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में आने-जाने से संक्रमण बढऩे का खतरा बढ़ता है। ऐसे में डिलेवरी ब्यॉय सेनिटाइज रहेंगे। इस ऐप की लांचिंग संस्‍थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी 15 जुलाई को संस्थान में ही करेंगे।

घर बैठे मंगवा सकते हैं ये सामान

बीटेक तृतीय वर्ष के बायोटेक इंजीनिंयरिंग ब्रांच छात्र सोनू ने बताया कि इस एप की मदद से फल, सब्जियां, किराने का सामान, बेकरी, पेय पदार्थ आइसक्रीम समेत अन्य सभी सामान मंगा सकते हैं। इससे लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। अब उन्‍हें सामान खरीदने के लिए घर से बाहर निकलने की जरूरत नहीं पडेगी।

खाद की दुकानों पर लागू होगी कैशलेस व्यवस्था

निजी दुकानों से खाद खरीदने वाले किसान अब डिजिटल भुगतान करेंगे। ऐसी दुकानों पर क्विक रिस्पांस कोड (क्यूआर कोड) प्रदर्शित करना होगा। इससे किसान अपने बैंक के यूपीआइ, गूगल पे, फोन-पे, पेटीएम आदि से भुगतान कर सकेंगे। निजी दुकानदार खाद का अधिक दाम न वसूल पाएं इसलिए यह नई व्यवस्था की जा रही है।

किसानों की अक्सर शिकायत होती है कि खाद के निजी विक्रेता फसलों की बुआई के समय खाद की किल्लत बताकर दाम अधिक वसूल करते हैं। शिकायतें होती हैं, लेकिन समाधान कुछ नहीं निकलता। इसी बड़ी समस्या के मद्देनजर कैशलेस भुगतान की व्यवस्था की जा रही है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि निजी दुकानों से उर्वरकों की खरीद के भुगतान के लिए कैशलेस/डिजिटल प्रणाली शुरू की जा रही है। दुकानदारों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे अपनी दुकानों के काउंटर पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करेंगे।


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