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कुंभ मेले का इतिहास संग भूगोल भी बदल गया, बनाए अनेक नायाब रिकॉर्ड

इस बार का कुंभ मेला कई इतिहास बना गया। तीन रिकार्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में दर्ज हुए तो 25 करोड़ के करीब श्रद्धालु यहां आए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 05:08 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 05:08 PM (IST)
कुंभ मेले का इतिहास संग भूगोल भी बदल गया, बनाए अनेक नायाब रिकॉर्ड
कुंभ मेले का इतिहास संग भूगोल भी बदल गया, बनाए अनेक नायाब रिकॉर्ड

प्रयागराज : वर्ष 2019 का दिव्य और भव्य कुंभ कई मायनों में विशिष्टता रखता है। इस कुंभ मेले का इतिहास के साथ भूगोल भी बदल गया। कई रिकॉर्ड भी इस कुंभ में बने हैं। गिनीज बुक वर्ल्‍ड ऑफ रिकॉर्ड में भी तीन रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। चार मार्च को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान से कुंभ का समापन हो गया।

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25 करोड़ के करीब श्रद्धालुओं का कीर्तिमान बना

दिव्य और भव्य कुंभ ने जो सबसे बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है वह 25 करोड़ के करीब श्रद्धालुओं का आना है। बिना किसी आमंत्रण के यहां श्रद्धालुओं का आना विश्व रिकॉर्ड है। दुनिया भर में आस्था के सबसे बड़े केंद्र इस कुंभ में यह भी रिकॉर्ड रहा कि यह निर्विघ्न सकुशल हुआ। इसके अलावा गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में शटल बसों का संचालन, स्वच्छता और हैंड पेंटिंग ने भी स्थान बना लिया है। दुनिया में सबसे बड़ी पार्किंग बनाए जाने का गौरव इसी कुंभ को मिला है।

95 पार्किंग स्थलों में 59 लाख वाहन खड़े हुए

यहां पर 95 पार्किंग स्थल बनाए गए जिसमें 59 लाख के करीब वाहन खड़े किए गए। मौनी अमावस्या पर तो एक दिन में बेली कछार पॉर्किंग में सबसे ज्यादा डेढ़ लाख वाहन पार्क कराए गए। सबसे अहम देश के लगभग पौने चार लाख गांवों से लोग यहां पहुंचे हैं, इसकी सूचना जिलों के डीएम से ली गई है। देश के लगभग साढ़े छह लाख गांवों को आमंत्रण भेजा गया था।

गंगा की अविरलता-निर्मलता भी रही खास

इस बार के कुंभ में गंगा जल को लेकर भी काफी सराहना हुई। अविरल और निर्मल गंगा के चलते ही लोगों ने स्नान किया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ तो समापन अवसर पर यह भी बोले कि वर्ष 2013 के महाकुंभ में मॉरीशस के प्रधानमंत्री आए थे मगर तक पानी साफ न होने से उन्होंने संगम में स्नान नहीं किया था। इस बार उनका स्नान करने का कार्यक्रम नहीं था मगर पानी स्वच्छ देखकर उन्होंने परिवार व अपनी कैबिनेट के साथ संगम में डुबकी लगाई।

इस पर भी ध्यान दें

- 06 हजार से ज्यादा संस्थाओं को बसाया गया और उन्हें सुविधाएं दी गईं

- 25 करोड़ के लगभग देश-दुनिया के श्रद्धालु बने कुंभ के साक्षी

- 32 लाख श्रद्धालुओं ने किला स्थित मूल अक्षयवट के किए दर्शन

- 71 देशों के राजनयिकों ने देखी कुंभ की आभा, लहराए झंडे

- 70 देशों में बसे 3200 प्रवासी भारतीय एक साथ संगम में लगाई डुबकी

- 187 देशों के 189 प्रतिनिधियों ने कुंभ का वैभव देखा, संगम स्नान किया

- 03 विश्व रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज किए गए

- 32 सौ हेक्टेयर में बसाई गई थी अस्थायी तंबुओं की नगरी

- 48 हजार से ज्यादा एलईडी लाइट पूरे मेले में लगाई गई

- 20 सेक्टर में बसाया गया मेला, 22 पांटून पुल पहली बार बने


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