फिर बढ़ने लगा गंगा और यमुना का जलस्तर, तटीय क्षेत्रों में मची खलबली Prayagraj News
एक बार फिर गंगा-यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों में रहने वालों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों को घरों में पानी भरने की चिंता सताने लगी है।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा और यमुना का जलस्तर रविवार को फिर बढ़ने लगा। इसके पीछे लगातार हो रही बारिश को कारण बताया जा रहा है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। खासकर जिनके घरों से पानी हट गया था, ऐसे लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। लगभग 15 दिनों तक बाढ़ की त्रासदी झेल चुके तटीय इलाके के लोगों के सामने फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
तीन दिन से घट रहीं गंगा और यमुना का जलस्तर रविवार से बढ़ने लगा। सुबह से ही जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ। बीते 24 घंटे के भीतर गंगा 17 तो यमुना लगभग 22 सेमी बढ़ गईं। रविवार दोपहर से रात तक बढ़ने की रफ्तार एक सेमी प्रति घंटा हो गई थी। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार ने बताया कि बारिश के कारण दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
नदियों में बाढ़ से निचले इलाकों की परेशानी परेशानी कम नहीं हो रही है। तटीय क्षेत्रों की कई बस्तियों में बाढ़ का पानी है। इसके कारण उनका जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों गंगा नगर, मऊ सरैया, नेवादा कछार, बेली कछार, सलोरी, बघाड़ा, दारागंज के निचले इलाकों की बस्तियों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जो स्थिति एक हफ्ते पहले थी, वही स्थिति फिर उत्पन्न होने की आशंका उत्पन्न हो गई। बघाड़ा, गंगानगर, ओमनगर, दारागंज में तो कई गलियां फिर भर गईं।
बाढ़ के पानी से तो दिक्कत थी ही, बारिश ने समस्या और बढ़ा दी। जिन मोहल्लों से बाढ़ का पानी कम हुआ वहां कीचड़ के कारण अब फिसलन बढ़ गई। नालियां चोक होकर बजबजाने लगी हैं। गंदगी का भी अंबार लगा है। सलोरी रमेश चंद्र ने बताया कि बाढ़ में उनका घर डूब गया था। वह परिवार के सात आठ दिन राहत शिविर में थे, जहां से अब घर लौटे हैं। घर की हालत बेहद खराब है। दीवारें कई स्थानों पर दरक गई हैं तो कपड़े, बिस्तर, अनाज आदि सब भीगकर खराब हो गए।
बघाड़ा के राजकुमार यादव ने बताया कि सारा सामान बर्बाद हो गया। बाढ़ का पानी कम होने पर वे घर गए। पूरा घर गंदगी से सना हुआ है। सलोरी की चंदा देवी ने बताया कि बारिश के कारण सफाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है। गंदगी और कीचड़ से राह चलना भी मुहाल हो गया है।
पुलिया पर चलने लगीं नाव
जलस्तर बढ़ने से झूंसी-गारापुर मार्ग पर बदरा के निकट बनी पुलिया पर रविवार को फिर नाव चलने लगी। शनिवार को यहां पानी काफी कम था जिससे लोग पैदल ही पुलिया पार कर रहे थे। लोगों का कहना है कि कई दिनों तक बाढ़ का पानी ठहरने से बदरा समेत कई गांव के किसानों की खेती चौपट हो गई। मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। बिजली आपूíत ठप होने से अंधेरे में ही रातें गुजारनी पड़ रही हैं। जलस्तर घटते देख लोगों ने राहत की सांस ली थी लेकिन अब उनकी दिक्कत फिर बढ़ गई है।
रविवार रात का जलस्तर मीटर में
गंगा (फाफामऊ में) -82.78
यमुना (नैनी में) -82.65
गंगा-यमुना (छतनाग) -82.05