माघ मेला के दौरान गंगा-यमुना में गहरे जल से पहले पांच किमी की डीप वाटर बैरीकेडिंग
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक किलाघाट से लेकर संगम होते हुए दारागंज के दशाश्वमेघ घाट तक डीप वाटर बैरीकेडिंग की जा रही है। नावों के कुशल संचालन के लिए किलाघाट से संगम के बीच करीब एक किलोमीटर की ड्रम लाइन बिछाई जा रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। माघ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए थल ही नहीं बल्कि जल में भी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। स्नानार्थियों की सुरक्षा, सुविधा और तत्काल मदद मुहैया कराने के लिए कई स्तर पर कार्याेजना तैयार की गई है। इसके तहत गंगा-यमुना में पांच किलोमीटर की डीप वाटर बैरीकेडिंग की जाएगी। बैरीकेडिंग के साथ ही उसमें जाल भी लगाया जा रहा है, ताकि स्नान के दौरान किसी श्रद्धालु के साथ अप्रिय घटना न हो। इसके साथ ही नाव पर जल पुलिस, बाढ़ राहत पीएसी के जवान और प्रशिक्षित गोताखोर तैनात किए जाएंगे। रात को मोटर बोट से सुरक्षा की दृष्टि से और संदिग्ध लोगों की निगरानी की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, किलाघाट से लेकर संगम होते हुए दारागंज के दशाश्वमेघ घाट तक डीप वाटर बैरीकेडिंग की जा रही है। नावों के कुशल संचालन के लिए किलाघाट से संगम के बीच करीब एक किलोमीटर की ड्रम लाइन बिछाई जा रही है। इससे नावों के आने और जाने का रास्ता तय रहेगा। टकराव की संभावना नहीं होगी। पीपापुल के दोनों क्षोर पर जल पुलिस के जवान और गोताखोर मुस्तैद रहेंगे। छतनाग, संगम व नागवासुकी के लिए क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) बनाई गई है। जबकि तीन मोबाइल पार्टी जल में गश्त करती रहेंगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ ही उन्हें कोरोना से बचाव के लिए जरूरी एहितयात बरतने पर भी पुलिसकर्मी काम करेंगे। नाव पर बिना लाइफ जैकेट के श्रद्धालु सवार न हो, इस पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।
ऐसी रहेगी व्यवस्था-
- 18 स्नान, 04 वीआइपी और 02 नाव के लिए घाट।
- 80 प्रशिक्षित प्राइवेट और 30 सरकारी गोताखोर।
- 120 किराए की नाव और 50 मोटर बोट लगेंगी।
- 04 कंपनी फ्लड पीएसी, 01 कंपनी एसडीआरएफ।
प्रभारी जल पुलिस ने बताया
स्नानार्थियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। सभी नाविकों को कोरोना से बचाव और लाइफ जैकेट के बारे में बताया जा चुका है।
- कड़ेदीन यादव, प्रभारी जल पुलिस