Ganga-Yamuna Flood Alert: प्रयागराज में गंगा खतरे के निशान से पार, यमुना भी वेग में, एनडीआरएफ मुस्तैद
Ganga-Yamuna Flood Alert रविवार रात आठ बजे गंगा फाफामऊ घाट पर खतरे के निशान से ऊपर थीं। यहां खतरे का बिंदु 84.73 मीटर है। रात आठ बजे तक जलस्तर 84.77 मीटर छतनाग में 84.03 मीटर जलस्तर था। गंगा फाफामऊ घाट पर खतरे के निशान पार कर गईं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। गंगा और यमुना नदियों में बाढ़ आ गई है। प्रयागराज में गंगा का जलस्तर रविवार की शाम को खतरे का निशान पार कर गया है। रात 10 बजे तक गंगा का जलस्तर फाफामऊ घाट पर 84.83 मीटर पर था। छतनाग में 84.10 मीटर था। वहीं यमुना का जलस्तर नैनी में 84.68 मीटर तक पहुंच गया था। वहीं रात आठ बजे तक फाफामऊ में जलस्तर 84.77 मीटर, छतनाग में 84.03 मीटर जलस्तर था।
शाम सात बजे गंगा-यमुना का जलस्तर
रविवार की शाम सात बजे गंगा का जलस्तर फाफामऊ घाट पर खतरे के निशान से ऊपर चला गया। फाफामऊ में जलस्तर 84.74 मीटर हो गया था। इसी समय छतनाग में जलस्तर 83.97 मीटर था। नैनी में यमुना का जलस्तर रविवार की रात आठ बजे तक 84.63 हो गया जबकि शाम सात बजे यहां यमुना का जलस्तर 84.57 मीटर दर्ज किया गया था। फाफामऊ में खतरे का निशान 84.73 मीटर है।
शाम सात बजे तक गंगा-यमुना का जलस्तर
तीन अगस्त को राजस्थान के धौलपुर बैराज से छोड़ा गया 18 लाख क्यूसेक पानी चंबल होते हुए यमुना में जैसे ही आना शुरू हुआ संगम नगरी में बाढ़ की स्थिति बनने लगी। अनुमान के अनुरूप रविवार की शाम सात बजे गंगा का पानी फाफामऊ घाट पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था। यहां खतरे का बिंदु 84.73 मीटर है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही गंगा के तटवर्ती इलाकों में हालात गंभीर हो गए हैं। वहीं यमुना नदी भी बढ़ रही हैैं। हालांकि अभी यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा नीचे रहा। यही स्पीड रही तो आज रात तक खतरे के निशान को छू सकता है। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी मुस्तैद है। इससे पहले 22 सितंबर 2019 को गंगा-यमुना का जलस्तर 85.78 मीटर तक पहुंच गया था।
टोंस नदी भी प्रयागराज में उफनाई
मध्य प्रदेश से होते हुए जिले के मेजा में गंगा में मिलने वाली टोंस नदी भी उफनाई हुईं हैैं। कई गांवों और शहर के दर्जन भर मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिला मुख्यालय में ही 554 परिवारों के 2574 लोगों ने 13 शिविरों में शरण ली है। जिला प्रशासन की ओर से कुल 110 राहत शिविर खोले गए हैैं। हालांकि फिलहाल शहर में 11 और गांवों के दो शिविरों में ही प्रभावित लोगों ने शरण ली है।