कौशांबी के कड़ा धाम में बस्तियों के गंदे पानी से मैली हो रही हैं गंगा
केंद्र सरकार की ओर से चली गई नमामि गंगे परियोजना का उद्देश्य गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने व पुनर्जीवित करने का है। इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। वर्ष 2014 में शुरू की गई केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए जहां लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, वहीं इसकी स्वच्छता पर जिम्मेदार ही पलीता लगा रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण यूपी के कौशांबी जिले के कड़ाधाम में देखा जा सकता है। दर्जन भर से अधिक गांव व बाजार में बसे लोगों के घरों का गंदा पानी गंगा में नाला के जरिए सीधे गिराया जा रहा है। नदी के जल को स्वच्छ रखने के लिए बनाई गई गंगा सुरक्षा समिति के जिम्मेदार सिर्फ कागजों पर ही आंकड़ेबाजी कर रहे हैं। जबकि हकीकत कुछ और ही है।
गंगा सुरक्षा समिति है गठित
केंद्र सरकार की ओर से चली गई नमामि गंगे परियोजना का उद्देश्य गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने व पुनर्जीवित करने का है। इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है। जिले से होकर गुजरी गंगा नदी को भी स्वच्छ बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से गंगा सुरक्षा समिति बनाई गई है। जिले के कुबरी घाट, फतेहपुर घाट, शहजादपुर घाट, संदीपन घाट समेत अन्य स्थानों से होकर गुजरी गंगा सीधे प्रयागराज के संगम में समाहित होती है। इन घाटों को स्वच्छ रखा जाए, इसके लिए प्रशासनिक अफसरों ने भी काफी मेहनत की।
हजारों लोग आते हैं कड़ा धाम
कड़ा के कुबरी घाट पर 51वीं शक्तिपीठ मां शीतला के दर्शन के लिए हर पर्व पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस घाट पर गंदगी न फैलाई जाए और नदी में कूड़ा-करकट आदि न फेंका जाए, इसके लिए गंगा सुरक्षा समिति के सदस्यों को लगाया गया है। कूड़ादान आदि की व्यवस्था की गई है, लेकिन ऐसी व्यवस्थाओं के बावजूद कोढ़ में खाज का काम कर रहा कुबरी घाट से होकर गंगा नदी तक पहुंचने वाला नाला। इस नाले में कड़ाधाम समेत जहानपुर, शीतलाधाम, देवीगंज, नखास पर आदि बस्तियों में रहने वाले करीब 15 हजार आबादी वाले घरों का गंगा पानी नाले के जरिए नदी में आकर गिरता है। इस संबंध में सिराथू एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि गंगा नदी में गंदा पानी को रोकने के लिए जल्द इंतजाम किया जाएगा।
स्थानीय लोग भी हैं दुखी
कड़ाधाम निवासी मोहम्मद मोवीन, मोहम्मद मोहसिन, विनय पांडेय, तीरथ मौर्य आदि का कहना है कि कुबरी घाट पर कूड़ा करकट फैला रहता है। स्वच्छता के लिए समिति बनाई गई है, लेकिन कूड़ा उठाने कोई नहीं आता। गंगा नदी में कई बस्तियों व गांव का गंदा पानी सीधे आकर गिरता है। शासन की ओर से नदी को स्वच्छ रखने की मंशा समाज में फैलाई जा रही है, लेकिन कुबरी घाट में गंदगी का अंबार लगा रहता है।