खतरे के निशान के और करीब पहुंचीं गंगा, अब सिर्फ 27 सेमी दूर Prayagraj News
जिस तेजी से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे तो यही अनुमान लगाया जा रहा है कि सोमवार रात तक दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर जाएंगी।
प्रयागराज, जेएनएन। बांधों से छोड़े गए पानी से उफनाई गंगा और यमुना अब खतरे के निशान के बिल्कुल करीब पहुंच गई हैैं। सोमवार की शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर तो मात्र 27 सेमी ही खतरे के निशान के नीचे था, जबकि यमुना का पानी 39 सेमी लाल निशान के नीचे हैै। दोनों नदियों के रौद्र रूप पकडऩे से निचले इलाकों में हड़कंप मच गया। दो दर्जन से ज्यादा मोहल्ले और सौ के करीब गांव बाढ़ की चपेट में हैं। तीन हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैैं, राहत शिविरों में पहुंचे लोग।
जलस्तर सोमवार शाम छह बजे (मीटर में)
गंगा (फाफामऊ में) -84.46
यमुना (नैनी में) -84.34
गंगा-यमुना (छतनाग में) -83.71
खतरे का निशान -84.73
गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने और खतरे के निशान के अब और भी करीब पहुंचने से तटवर्ती निचले इलाकों में आफत खड़ी हो गई है। सोमवार दोपहर तीन बजे तक की स्थिति यह थी कि जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 35 सेमी ही दूर था। वहीं सुबह 10 बजे तक दोनों नदियां खतरे के निशान से मात्र 40 सेमी नीचे बह रही थीं। दो दर्जन से ज्याद मोहल्ले और सौ के करीब गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैैं। वहां निवास करने वाले लोगों में दहशत का माहौल है।
उम्मीद कि आज शाम तक जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएगा
गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से खतरे की निशान की ओर बढ़ रहा है। रफ्तार यही रही तो सोमवार शाम तक जलस्तर खतरे के निशान (84.73 मीटर) को पार कर सकता है। बाढ़ के पानी से तटीय मुहल्ले जलमग्न हो गए हैं। हजारों लोग बाढ़ में फंस गए हैं। प्रशासन नाव के सहारे लोगों को बाहर निकालने की कवायद कर रहा है। खतरे की आशंका को भांपकर अधिकांश लोग पहले ही घर छोड़कर पलायन कर गए हैं। ढाई सौ लोगों ने प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में शरण ले रखी है।
गंगा-यमुना का जलस्तर
शनिवार रात फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 83.54 मीटर था, जो खतरे के निशान से 1.19 सेंटीमीटर दूर था। रविवार को यह फासला घटकर 0.65 सेंटीमीटर रह गया। यानी बीते चौबीस घंटे में गंगा का जलस्तर 0.54 मीटर बढ़ा है। नैनी में शनिवार रात यमुना का जलस्तर 83.43 मीटर था। खतरे के निशान से 1.30 सेंटीमीटर कम था। रविवार रात यह फासला 0.81 सेंटीमीटर ही रह गया। वहीं सोमवार को यह दूरी मात्र 40 सेमी रह गई थी।
जिला प्रशासन की बढ़ते जलस्तर पर नजर, सभी टीमें अलर्ट
जलस्तर बढऩे से दारागंज, छोटा बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, सलोरी, शिवकुटी, तेलियरगंज, मेहंदौरी, रसूलाबाद, बेली गांव, बेली कछार, राजापुर, नेवादा, गौसनगर, करैलाबाग, नैनी, झूंसी और फाफामऊ में कछारी इलाकों में मुसीबत खड़ी हो रही है। हजारों घरों में पानी घुस गया। जिला प्रशासन पल-पल बढ़ते जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैै। बचाव कार्य के लिए सभी टीमें अलर्ट रहीं।
एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकाला
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी लगाई गई है। रविवार को 25 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। छोटा बघाड़ा से लेकर बेली गांव तक 200 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से निकाला।
चाचर नाले का गेट भी बंद
यमुना नदी का जलस्तर भी तेजी से बढऩे पर चाचर नाले का गेट भी बंद कर दिया गया है। मोरी गेट और बक्शी बांध का गेट पहले ही बंद हो चुका है। जलस्तर बढऩे पर बक्शी बांध स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पर पैनी नजर रखी जा रही है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के साथ जलकल विभाग के अधिकारी बक्शी बांध समेत अन्य सभी एसटीपी की पल-पल की खबर ले रहे हैं।
तीनों पुल पर आरपीएफ ने बढ़ाई पेट्रोलिंग
गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार बढऩे पर आरपीएफ ने फाफामऊ, नैनी और झूंसी के पुलों पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। रात में पुल पर गश्ती बढ़ाई गई है। चेन पुलिंग करके कोई व्यक्ति ट्रेन को पुल पर न रोके, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इलाहाबाद मंडल के मंडल वरिष्ठ मुख्य आयुक्त का कहना है कि एहतियातन पुलों पर पेट्रोलिंग बढ़ाई गई। दोनों नदी के जलस्तर पर पैनी नजर रखी जा रही है।
शीघ्र निकालें बाढ़ में फंसे लोगों को : डीएम
जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। बाढ़ राहत शिविर में लोगों को दी जा रही सुविधाओं को भी देखा और लोगों से बातचीत की। अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं, उन्हें शीघ्र वहां से निकालकर राहत केंद्रों में विस्थापित किया जाए। डीएम ने बाबा चौराहा के पास स्थित ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राहत शिविर का निरीक्षण किया। जलभराव क्षेत्र में जाकर वहां पर पानी की स्थिति का जायजा लिया। उसके उपरांत उन्होंने बख्शी बांध का निरीक्षण किया। डीएम ने बताया कि ढाई दो सौ परिवारों ने बाढ़ राहत शिविर में शरण ली है। शहर में कुल 31 शिविर बनाए गए हैं।