गंगा-यमुना ने पकड़ी रफ्तार, तेजी से बढ़ रही जलस्तर Prayagraj News
प्रयागराज में खतरे का निशान 84.73 मीटर है। जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव ने बताया कि गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा-यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। मंगलवार को गंगा की अपेक्षा यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा। गंगा का जलस्तर आठ सेंटीमीटर व यमुना का दस सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। हालांकि अभी खतरे की बात नहीं है, पर कछारी इलाकों में रहने वाले सतर्क जरूर हो गए हैं। प्रयागराज में खतरे का निशान 84.73 मीटर है। जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव ने बताया कि गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। घाटिए और दुकानदारों को पहले से ही यहां से हटवाया जा चुका है। सभी घाटों पर नजर रखी जा रही है।
जिले में कहां कितना है जलस्तर
नैनी : 75.05
छतनाग : 73.65
फाफामऊ : 78.36
कौशांबी जिले में नदियों के उफान से निपटने को बनी 25 राहत चौकी
पडोसी जनपद कौशांबी में प्रमुख रूप से तीन नदियां गंगा, यमुना व ससुर खदेरी हैं। यदि इनमें उफान आया तो तीन दर्जन से अधिक गांवों के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है। बारिश शुरू होते ही बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने खाका तैयार कर लिया। डीएम मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर गंगा व यमुना क्षेत्र में 25 राहत चौकी बनाई गई है। बाढ़ से आने वाली हर समस्याओं से निपटने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट है। बारिश में जलस्तर बढऩे से तीनों प्रमुख नदियों में उफान आ जाता है। पिछले बरसों में बारिश के दौरान इन नदियों के किनारे बसे लोग बाढ़ से काफी परेशान हुए थे।
पशु चारा की व्यवस्था
बाढ़ आने के बाद मवेशियों के सामने चारा का संकट नहीं हो। इसके लिए भी इंतजाम कर लिया गया है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीपी पाठक ने बताया कि बाढ़ आने पर पशुओं के सामने चारा का संकट नहीं होगा। समस्या से निपटने के लिए भूसा व्यापारियों से संपर्क किया जा चुका है।