Ganga and Yamuna का प्रयागराज में बढ़ रहा जलस्तर, बाढ़ संभावित क्षेत्रों का एनडीआरएफ ने किया दौरा
प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में एनडीआरएफ की टीम ने संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। लोगों को आवश्यक टिप्स भी दिए।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा-यमुना में लगातार बढ़ते जलस्तर से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसे लेकर एनडीआरएफ की टीम बाढ़ संभावित इलाकों का दौरा कर रही है। बाढ़ सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले रही है। सोरांव, मेजा, बारा, फूलपुर, हंडिया तहसील के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण का लगातार सिलसिला चल रहा है। ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें सतर्क रहने को कहा गया है।
यह इलाके रहते हैं बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित
पिछले बाढ़ को देखते हुए सलोरी, बछाड़ा, राजापुर, सिंघापुर, ग्नेसीपुरा, झल्याकापुरा, हरिहरपुर, बड़ौली आदि क्षेत्र गंगाजी के बाढ़ के पानी से अत्याधिक प्रभावित रहते हैं। कई गांव तो पानी के घेराव के कारण टापू बन जाते है और यातायात संपर्क व्यवस्था बाधित हो जाती है।
प्राथमिक उपचार और कोरोना महामारी से बचाव के तरीकों को बताया
टीम ने बाढ़ के दौरान बचाव के लिए प्राथमिक उपचार के तरीकों के बारे में बताया। साथ ही बताया कि कैसे मास्क लगाकर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संक्रमण से बचा जा सकता है।
आपातकालीन किट को रखें तैयार
बाढ़ जैसी स्थिति में तत्कालीन बचाव के लिए एक किट तैयार कर लें, जिसमें आपात स्थिति में ली जाने वाली दवाएं मौजूद हो। टार्च, पानी बोतल, रस्सी, पानी पल्ला, माचिस, चाकू, साबुन, सूखा राशन, बच्चों के लिए पाउडर दूध, बुजुर्गों की दवाएं, प्लास्टिक की थैली में घर के जरूरी दस्तावेज इत्यादि सामान सुरक्षित रखें जो आपात स्थिति में काम आ सके।
टीम में शामिल रहे
बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाली एनडीआरएफ की टीम में कमांडर जगदीश राणा, सहायक उपनिरीक्षक मारकंडे यादव, सौरव सरोज, सतिंदर और चंद्रभान शुक्ला मौजूद रहे।