Ganga-Yamuna Flood: प्रयागराज में गंगा का जलस्तर कम होने लगा, गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि का वेग कम हुआ
Ganga-Yamuna Flood प्रयागराज के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। बुधवार की दोपहर से फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर कम होेने लगा है। हालांकि अभी छतनाग में बढ़ रहा है। वहीं यमुना नदी का जलस्तर अभी बढ़ ही रहा है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। गंगा और यमुना का जलस्तर प्रयागराज में यूं तो लगातार बढ़ रहा है। हालांकि यहां एक बात गौर करने वाली है। प्रयागराज के लोगों और इन नदियों के तटीय इलाकों में रहने वालों के लिए राहत की खबर भी है। राहत यह है कि गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में वृद्धि की स्पीड में कमी आई है। वहीं दोपहर में गंगा का जलस्तर फाफामऊ में कम होने लगा, जो कि राहत की बात है। यहां 1 सेमी प्रति घंटे की स्पीड से पानी कम हो रहा है। हालांकि अभी गंगा छतनाग में 2 सेमी प्रति घंटा की स्पीड से बढ़ रही हैं। यमुना नदी का जलस्तर अभी बढ़ रहा है।
जलस्तर बुधवार की दोपहर 2 बजे
फाफामऊ : 86.03 मीटर (-1 सेमी प्रतिघंटे)
छतनाग : 85.25 मीटर (+2 सेमी प्रतिघंटे)
नैनी : 85.77 मीटर (+1 सेमी प्रतिघंटे)
खतरे का निशान : 84.73 मीटर
जलस्तर बुधवार की सुबह 10 बजे
फाफामऊ : 86.06 मीटर (+1 सेमी प्रतिघंटे)
छतनाग : 85.21 मीटर (+2 सेमी प्रतिघंटे)
नैनी : 85.74 मीटर (+1 सेमी प्रतिघंटे)
खतरे का निशान : 84.73 मीटर
खतरे के निशान से गंगा डेढ़ मीटर व यमुना 1 मीटर ऊपर
बुधवार की सुबह गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर था। वहीं यमुना नदी का पानी भी करीब एक मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था। मंगलवार की रात आठ बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1.09 मीटर और यमुना का 95 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया था। यहां पर शाम छह बजे गंगा का जलस्तर चार और यमुना का तीन सेमी प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा था। लेकिन रात आठ बजे के बाद यमुना में बढ़ोतरी थम गई। वहीं बुधवार की सुबह गंगा-यमुना में पानी बढ़ने की स्पीड में कमी आई है। गंगा फाफामऊ में 1 सेमी प्रतिघंटे और छतनाग में 2 सेमी प्रतिघंटे से बढ़ रही है। वहीं यमुना नदी नैनी 1 सेमी प्रतिघंटे की स्पीड से बढ़ रही हैं।
इन खास आंकड़ों पर डालें नजर
- 884 परिवार बाढ़ से प्रभावित
- 3995 लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं
- 188 नाव लगी है बाढ़ प्रभावितों को बचाने में
- 07 तहसीलें प्रभावित हैं बाढ़ से
- 95 नाव लगी हैं केवल शहरी क्षेत्र में
- 14 शिविर में बनाए गए हैं शहर में
- 03 शिविर में बनाए गए हैं गांव में।
शहर में एक किमी अंदर तक पहुंचा बाढ़ का पानी
उधर गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढऩे से हजारों की आबादी प्रभावित हुई है। शहरी क्षेत्र में गंगा का पानी आबादी में करीब एक किलोमीटर अंदर तक पहुंच गया है। वहीं ग्रामीण इलाकों के गांव, सड़कें, संपर्क मार्ग और खेतों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बांदा में यमुना नदी का जलस्तर सोमवार से कम होने लगा तो प्रयाग में बुधवार से जलस्तर में बढ़ोतरी थमने के आसार हैं।
शहर के ये इलाके जलमग्न हैं
राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई बारिश का पानी यमुना के जरिए प्रयागराज पहुंचा तो यहां हाहाकार मच गया। शहर के तटीय इलाकों में पानी भर गया। छोटा बघाड़ा, चांदपुर, नेवादा आदि मोहल्लों में एक मंजिला घर डूब गया। यहां के अधिकतर लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हैं। जबकि कुछ घरों की छतों पर डेरा डाले हुए हैं। मंगलवार की शाम तक बघाड़ा, राजापुर, म्योर रोड, अशोक नगर, सदर बाजार, गौसनगर, सलोरी, मीरापुर, तेलियरगंज आदि में बनाए गए राहत शिविरों में 3995 लोग शरण लिए हुए हैैं। यहां पर 894 परिवार के लोग ठहरे हुए हैं। इन लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालने के लिए 188 नाव लगाई है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी व जल पुलिस कर रही सहायता
जल पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और जिला प्रशासन की टीम लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से नाव के जरिए निकाल कर राहत केंद्र में पहुंचा रही है। बाढ़ का ज्यादा असर शहर में है। ग्रामीण क्षेत्रों में बारा, मेजा, फूलपुर, करछना, सोरांव और हंडिया में भी कुछ लोग प्रभावित हैं।
जिलाधिकारी बोले- आज से जलस्तर कम होने के आसार
प्रयागराज के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री कहते हैं कि बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए टीम सक्रिय है। शिविरों में सभी इंतजाम किए गए हैं। यमुना का जलस्तर बांदा में कम हो गया है। यहां भी जलस्तर बुधवार से कम होने के आसार हैं।