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गांधी शिल्प बाजार एनसीजेडसीसी से छिना तो फिर वापस नहीं मिला Prayagraj News

हस्त शिल्प विभाग की उदासीनता के चलते एनसीजेडसीसी में 2011 से गांधी शिल्‍प बाजार नहीं लग सका है। सरकारी संस्था को प्राथमिकता न देकर गैर सरकारी संगठनों को महत्‍व दिया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 09:27 PM (IST)
गांधी शिल्प बाजार एनसीजेडसीसी से छिना तो फिर वापस नहीं मिला Prayagraj News
गांधी शिल्प बाजार एनसीजेडसीसी से छिना तो फिर वापस नहीं मिला Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) में होने वाला बड़ा आयोजन 'गांधी शिल्प बाजार' हस्त शिल्प विभाग की उदासीनता का शिकार हो गया है। इसका आखिरी आयोजन एनसीजेडसीसी में 2011 में हुआ था। संबंधित विभाग इसे कुछ गैर सरकारी संगठनों से करा रहा है। जबकि प्रविधान है कि इसमें सरकारी संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाए। ताज्जुब यह है कि एनसीजेडसीसी के लगातार पत्राचार और प्रस्ताव के बावजूद विभाग ने कुछ नहीं किया।

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यह बाजार सिविल लाइंस स्थित पीडी टंडन पार्क में लगता रहा

गांधी शिल्प बाजार केंद्र सरकार के कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प की ओर से एनसीजेडसीसी में आयोजित कराया जाता रहा है। देश भर के हस्त शिल्पियों और इस कारोबार के उत्थान के लिए यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है।  प्रयागराज में यह बाजार 2011 तक आयोजित हुआ। प्रत्येक साल 10 दिनों के लिए इसमें देश भर से हस्त शिल्पी, दस्तकार आदि आते थे। शुरुआत में यह बाजार सिविल लाइंस बस स्टैंड चौराहे पर स्थित पीडी टंडन पार्क में लगता रहा।

एनसीजेडसीसी में 1997 से शुरू हुआ था आयोजन

1997 में यह आयोजन एनसीजेडसीसी में शुरू हुआ। 2011 में कार्यालय आयुक्त हस्तशिल्प विभाग से एनसीजेडसीसी को इसके बदले अनुदान राशि नहीं दी गई। वजह बताई गई कि एनसीजेडसीसी ने उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिया है। वहीं एनसीजेडसीसी का कहना है कि हस्त शिल्प विभाग के आयुक्त कार्यालय में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जा चुका है। फिलहाल इसी पेंच के चलते एनसीजेडसीसी 2011 के बाद गांधी शिल्प बाजार का आयोजन नहीं करा सका और विभाग को लगातार अनुदान राशि भुगतान के लिए पत्र भेज रहा है। गांधी शिल्प बाजार के आयोजन के लिए भी प्रस्ताव भेजा जा रहा है लेकिन विभाग इस पर कोई कदम नहीं उठा रहा।

बोले एनसीजेेडसीसी के मेला प्रभारी

एनसीजेेडसीसी के मेला प्रभारी एमएम मणि का कहना है कि 2010-11 का अनुदान विभाग ने भुगतान नहीं किया है। पत्राचार किए जाने पर भी कोई जवाब नहीं मिल रहा। कार्यालय विकास आयुक्त हस्त शिल्प विभाग के अपर निदेशक अब्दुल्ला का कहना है कि कुछ वित्तीय समस्याएं थीं। जिनका समाधान हो गया है। बताया कि एनसीजेडसीसी से गांधी शिल्प बाजार का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। जिसे लखनऊ भेज दिया गया है। उम्मीद जताई कि जल्द ही यह आयोजन दोबारा शुरू होगा।


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