आरटीई के तहत निश्शुल्क प्रवेश का कार्यक्रम जारी, ऑनलाइन आवेदन 14 फरवरी से
आरटीई के तहत मान्यता प्राप्त निजी स्कूलाें में निश्शुल्क प्रवेश गरीब बच्चों का हो सकेगा। इसके लिए कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। ऑनलाइन आवेदन 14 फरवरी से शुरू होगा।
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में निश्शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दी है। अलाभित समूह व गरीब वर्ग के बच्चों के प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया 14 फरवरी से शुरू हो रही है। इसके तहत कोई भी गरीब अभिभावक आवेदन कर अपने बच्चों को मनचाहे कान्वेंट विद्यालय में पढ़ा सकता है। शहरी क्षेत्र के अभिभावकों को ऑनलाइन व ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों को ऑफलाइन आवेदन करना होगा। प्रथम चरण के आवेदन की अंतिम तिथि 28 फरवरी है। अभिभावक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
द्वितीय चरण के आवेदन 12 मार्च से
प्रदेश में द्वितीय चरण के आवेदन 12 मार्च से 25 मार्च व तृतीय चरण के आवेदन छह अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच होंगे। आवेदन के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से आवेदन पत्रों का सत्यापन और उन्हें लॉक किया जाएगा। इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा लॉटरी निकाली जाएगी। इसके बाद प्रथम चरण के चयनित विद्यार्थियों को 25 मार्च तक, द्वितीय चरण के विद्यार्थियों को 15 अप्रैल तक व तृतीय चरण के विद्यार्थियों को 30 अप्रैल तक प्रवेश दिया जाएगा।
विद्यालयों से मांगा डिटेल
आरटीई के तहत निश्शुल्क प्रवेश की नोडल अधिकारी बनाई गईं खंड शिक्षा अधिकारी नगर, ज्योति शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2019-2020 में प्रवेश के लिए मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों से उनके नाम, वार्ड की संख्या-नाम, प्रबंधक का नाम, प्रधानाध्यापक का नाम व मोबाइल नंबर, पूर्व प्राथमिक कक्षाओं व कक्षा एक में सीटों की संख्या मांगी गई है। इसके अलावा पिछले वर्षों में आरटीई के तहत जिन बच्चों को प्रवेश दिया गया है उनसे भी विद्यालय व छात्र संबंधी संपूर्ण विवरण मांगा गया है। सरकार निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत प्रवेश के बदले प्रति बच्चा 450 रुपये शुल्क प्रतिपूर्ति देती है।
यह विद्यार्थी होंगे प्रवेश के लिए पात्र
आइटीई अधिनियम में निश्शुल्क सीटों पर प्रवेश के लिए बालकों की पात्रता शर्तें तय की गई हैं। इसमें बालक गैर सरकारी विद्यालयों के आस-पास के परिक्षेत्र में निवास करने वाला होना चाहिए। राज्य में आरटीई नियमों के अनुसार विद्यालय का परिक्षेत्र शहरी क्षेत्रों में संबंधित स्थानीय निकाय, नगरपरिषद, नगरपालिका जैसी भी स्थिति हो व ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम पंचायत निर्धारित किया गया है। प्रवेश के समय शहरी क्षेत्रों में विद्यालय से संबंधित वार्ड व ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित गांव में निवास करने वाले बालक-बालिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।