कुख्यात नटवरलाल योगेश को प्रयागराज पुलिस ने भेजा जेल, ठगी में महिलाओं को इस्तेमाल करता था
एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा का कहना है कि योगेश तिवारी काफी शातिर दिमाग का है। उसने पहले अलग-अलग बयान दिए और फिर झूठ भी बोलता रहा। छानबीन में यह तथ्य सामने आए हैं कि उसने तमाम लोगों से ठगी है और उसी पैसे से करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई है।
प्रयागराज, जेएनएन। कुख्यात नटवरलाल योगेश तिवारी आखिरकार गिरफ्तारी के बाद सोमवार को जेल भेज दिया। अब तक उसके उसके मुकदमे की विवेचना कर रहे इंसपेक्टर का इंतजार किया जा रहा था। पता चला है कि उसने धोखाधड़ी के जरिए करोड़ों रुपये की चल और अचल संपत्ति बना ली है। ठगी करने के लिए वह कुछ महिलाओं की भी मदद लेता था। पुलिस का कहना है कि उसने तमाम लोगों से चेक के जरिए भी पैसा लिया और प्रापर्टी के नाम पर लोगों को झांसा दिया।
बदलता रहा बयान और बोलता रहा झूठ
गिरफ्त में आए योगेश तिवारी से क्राइम ब्रांच की टीम लगातार दो दिन तक पूछताछ करती रही। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों की जानकारी ली जाती रही। पुलिस को पता चला है कि उसके खिलाफ कई मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है। वहीं, झूंसी थाने में इफको से रिटायर अधिकारी प्रभाष चंद्र गुप्ता ने योगेश के खिलाफ धोखाधड़ी का जो मुकदमा लिखाया था उसे करीब एक माह पहले क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था। ऐसे में पूरे मामले की तफ्तीश क्राइम ब्रांच की विवेचना शाखा ही कर रही है। पुलिस का कहना है कि अभियुक्त योगेश के मोबाइल की कॉल डिटेल भी निकलवाई जा रही है। ताकि यह पता चल सके कि उसके संपर्क में कौन-कौन लोग थे और उसकी कारस्तानी में किस तरह से मदद करते थे। एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा का कहना है कि योगेश तिवारी काफी शातिर दिमाग का है। उसने पहले अलग-अलग बयान दिए और फिर झूठ भी बोलता रहा। हालांकि अभी तक छानबीन में यह तथ्य सामने आए हैं कि उसने तमाम लोगों से ठगी है और उसी पैसे से करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई है। उसके काले कारनामे में कितनी महिलाएं शामिल थीं, इसकी तस्दीक भी की रही है। पूछताछ के बाद झूंसी थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच ने योगेश को सोमवार दोपहर अदालत में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।