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Lockdown में बस संचालन की अफवाह में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष समेत चार फंसे Prayagraj News

एक छात्रनेता ने पोस्ट में थानाध्यक्ष से वार्ता करने की बात भी लिखी थी जो कि सरासर गलत थी। फिलहाल सभी के विरुद्ध मुकदमा लिखकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 09:31 AM (IST)
Lockdown में बस संचालन की अफवाह में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष समेत चार फंसे Prayagraj News
Lockdown में बस संचालन की अफवाह में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष समेत चार फंसे Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान बस संचालन को लेकर अफवाह फैलाने के आरोप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह, छात्र नेता नेहा यादव, अखिलेश यादव और मो. आमिर उर्फ अदनान फंस गए हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। कर्नलगंज थाने में एफआइआर दारोगा नरेंद्र प्रताप सिंह की तहरीर पर कायम हुआ है।

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लोगों को सिविल लाइंस बस अड्डा पर बस मिलने की बात कही थी

पुलिस का कहना है कि ऋचा, नेहा समेत अन्य ने फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसमें कहा था कि छात्र-छात्राएं व अन्य कामकाजी लोग लखनऊ, आजमगढ़, रायबरेली, कानपुर, बलिया की तरफ जाना चाहते हैं तो सुबह छह बजे सिविल लाइंस बस स्टैंड से बस मिलेगी। इससे तमाम विद्यार्थी बस स्टैंड पर पहुंच गए थे। इंस्पेक्टर कर्नलगंज अरुण त्यागी ने बताया कि एक छात्रनेता ने पोस्ट में थानाध्यक्ष से वार्ता करने की बात भी लिखी थी, जो कि सरासर गलत थी। फिलहाल सभी के विरुद्ध मुकदमा लिखकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

आइजी ने कहा, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी होगी

इस संबंध में आइजी केपी सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक खबर से लोगों को दिक्कत होती है। सोशल मीडिया के यूजर आधिकारिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ लगातार आगे भी कार्रवाई की जाएगी।

राशन और रुपये खत्म, लोग लौट रहे घर

बाहर से आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राएं, होटल, रेस्टोरेंट एवं अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वालों के सामने भी संकट खड़ा होने लगा है। राशन और रुपये खत्म होने से यह लोग घरों का रास्ता पकड़ लिए हैं। किसी तरह उन्हें गंतव्य की ओर रवाना किया गया। दारागंज में किराए का कमरा लेकर रहने वाले चित्रकूट निवासी मनोज कुमार ने बताया कि एसएससी की परीक्षा के कारण होली पर घर नहीं जा सके, अब राशन और रुपये खत्म हो गए हैं। ऐसे में लौटने का ही विकल्प था। दारागंज में ही सुधीर सिंह का भी यही हाल है। सिविल लाइंस के अलग-अलग रेस्टोरेंट में काम करने वाले माजिद आंबेडकरनगर व कश्मीर के इरफान घर जाने के लिए बस अड्डे पहुंचे थे। इन्होंने बताया कि रेस्टोरेंट बंद हो गया और खर्च चलाना मुश्किल हो गया।


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